सैटेलाइट से पता चलेगा 7 एकड़ में से कितनी हुई अवैध माइनिंग
भोपाल
राजधानी के नजदीक मस्तीपुरा गांव में हो रहे अवैध उत्खनन की पड़ताल प्रशासन ने शुरू कर दी है। रविवार को हुई जांच में छह हेक्टेयर में उत्खनन का खुलासा हुआ है। इसमें तीन हेक्टेयर (साढ़े सात एकड़) जमीन वो है जिस पर अवैध उत्खनन हुआ है। अब टीम पता लगा रही है कि अस्थायी लीज कब आवंटित की गई थी और इसकी समय सीमा कब खत्म हुई। इसके लिए जिला खनिज अधिकारी ने सैटेलाइट इमेज मांगी है। इससे अवैध उत्खनन की सही जानकारी विभाग को मिल सकेगी। इसके बाद ही प्रकरण कलेक्टर कोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा। विभागीय सूत्रों की मानें तो अवैध उत्खनन करने वाले लोगों पर 10 करोड़ रुपए से अधिक का जुर्माना लग सकता है। आज शाम तक खनिज विभाग कलेक्टर को इस संबंध में जांच रिपोर्ट सौंप देगा।
यह है मामला
इंटखेड़ी के पास स्थित मस्तीपुरा गांव में पहाड़ व उससे लगी किसानों की जमीन पर अवैध रूप से उत्खनन कर परिवहन किया जा रहा है। इस मामले की शिकायत ग्रामीणों ने सीएम हेल्पलाइन और कलेक्टर अविनाश लवानिया से की थी। कलेक्टर ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए दो दिन पहले खनिज अमले ने पोकलेन, जेसीबी और डंपर जब्त करने की कार्रवाई की गई। साथ ही शेखर पवार सहित अन्य के खिलाफ प्रकरण भी बनाया गया।
पहले भी सामने आ चुकी है खनिज अमले की लापरवाही
मस्तीपुरा गांव में अवैध उत्खनन को लेकर सितंबर माह में भी ग्रामीणों ने शिकायत की थी। उस समय एसडीएम आकाश श्रीवास्तव के निर्देश पर जांच की गई थी। उस समय खुलासा हुआ था कि तालाब गहरीकरण के लिए अस्थायी लीज खनिज विभाग द्वारा जारी की गई थी, लेकिन जांच में अफसरों को तालाब ही नहीं मिला था। पहाड़ पर उत्खनन कर मुरम परिवहन किया जा रहा था। इस खुलासे के बाद एसडीएम हुजूर आकाश श्रीवास्तव ने जिला खनिज अधिकारी को लीज निरस्त करने के लिए पत्र लिखा था।
प्रशासन ने किया सीमांकन
प्रशासन की टीम ने रविवार को सीमांकन किया है। इसमें 3 हेक्टेयर जमीन पर अनुमति दी गई थी। वहीं तीन हेक्टयर ऐसी है, जिसे अवैध रूप से खोदा गया है। सैटेलाइट इमेज मांगी गई है, जिससे साफ हो सके कि अनुमति के पहले और बाद में कितना उत्खनन किया गया है।
एसएस बघेल, जिला खनिज अधिकारी, भोपाल