38 वीं म.प्र.युवा वैज्ञानिक कांग्रेस 17 मार्च से
रिसर्च पेपर भेजने की अंतिम तिथि 23 फरवरी
भोपाल
मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् के फ्लैगशिप कार्यक्रम युवा वैज्ञानिक कांग्रेस का 17 से 19 मार्च तक सम्राट अशोक टेक्नोलॉजिकल इंस्टिट्यूट, विदिशा में आयोजन किया जायेगा। परिषद के महानिदेशक डा अनिल कोठरी ने बताया कि युवा वैज्ञानिक कांग्रेस के लिए रिसर्च पेपर ऑन लाइन 23 फरवरी तक ही स्वीकार किए जाएंगे। मध्यप्रदेश के किसी भी विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, रिसर्च इंस्टीट्यूशंस में कार्यरत रिसर्च स्कॉलर्स, फेकल्टी मेम्बर्स और वैज्ञानिक अपना रिसर्च पेपर वेबसाइट www.mpysc.in पर आनलाईन भेज सकते हैं।
युवा वैज्ञानिक कांग्रेस में रिसर्च पेपर प्रस्तुत करने के लिए उन्नीस विषयों का चयन किया गया है। विषयो में कृषि विज्ञान, एन्थ्रोपोलॉजी एंड बिहेवियर साइंस, केमिकल इंजीनियरिंग, केमिकल साइंसेज, सिविल इंजीनियरिंग, कम्प्यूटर साइंस इंजीनियरिंग एंड इन्फॉरमेशन टेक्नोलॉजी, पृथ्वी एवं वायुमंडल विज्ञान, इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग, पर्यावरण विज्ञान, गृह विज्ञान, लाइफ साइंसेज, गणित विज्ञान, मेकेनिकल इंजीनियरिंग, आयुष सहित चिकित्सा विज्ञान, फार्मास्युटिकल साइंसेज, भौतिक विज्ञान, प्लांट साइंसेज, वेटरनरी साइंस एवं एनीमल हजबेंडरी, न्यू बायोलॉजी (बायोटेक्नोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, बायोइन्फॉरमेटिक्स एवं मॉलीक्युलर बायोलॉजी शामिल है। विस्तृत जानकारी परिषद् की वेबसाइट www.mpcost.gov.in से प्राप्त की जा सकती है। ऑनलाइन पेपर भेजने के बाद मुद्रित प्रति ‘संयोजक, म.प्र. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद्, विज्ञान भवन, नेहरू नगर, भोपाल – 462 003 को 27 फरवरी 2023 तक भेजी जा सकती है। 2007 में भी विदिशा को 22वीं म.प्र. युवा वैज्ञानिक कांग्रेस की मेजबानी का मौका मिल चुका है।
म.प्र. युवा वैज्ञानिक कांग्रेस का आयोजन प्रति वर्ष किया जाता है। तीन-दिवसीय कार्यक्रम में पूरे प्रदेश के युवा वैज्ञानिक भाग लेते हैं।इस दौरान युवा शोधार्थियों के शोध पत्रों का मूल्यांकन देश के ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक एवं विषय विशेषज्ञों द्वारा किया जाता है तथा शोधार्थियों को सुझाव एवं मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है। युवा वैज्ञानिकों के शोध कार्य को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कांग्रेस के चयनित शोधार्थियों को देश की प्रतिष्ठित प्रयोगशालाओं एवं राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों में शोधकार्य हेतु मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा 3 से 6 महीने हेतु फैलोशिप प्रदान की जाती है एवं उत्कृष्ट शोध पत्रों को पुरस्कृत भी किया जाता है।