पुलवामा की बरसी पर दिग्विजय ने जवानों को श्रद्धांजलि के साथ ही तंज भी कस दिया, एजेंसियों पर सवाल
नई दिल्ली
आज पुलवामा हमले की बरसी (Pulwama Attack) पर कांग्रेस नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला। केंद्र पर तंज कसने के अंदाज में दिग्विजय ने ट्वीट किया कि आज हम खुफिया विफलता के कारण शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। उम्मीद है कि उनके परिवारों को पुनर्वास मिल गया होगा। बता दें कि इससे पहले भी दिग्विजय सिंह पुलवामा अटैक और सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठा चुके हैं। उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगे थे।
आज पुलवामा हमले की बरसी पर कांग्रेस नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला। केंद्र पर तंज कसने के अंदाज में दिग्विजय ने ट्वीट किया कि खुफिया विफलता के कारण शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि। उम्मीद है कि उनके परिवारों को पुनर्वास मिल गया होगा। बता दें कि इससे पहले भी दिग्विजय सिंह पुलवामा अटैक और सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठा चुके हैं। उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगे थे। आज पुलवामा हमले की चौथी बरसी है। 2019 को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों ने एक बम विस्फोट की नापाक साजिश अंजाम दी थी। इस हमले में सीआरपीएएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। आज पीएम मोदी ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। इस मौके पर कांग्रेस नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह केंद्र पर फिर हमला करने से नहीं चूके।
उन्होंने तंज के अंदाज में ट्वीट किया। लिखा, "आज हम उन 40 सीआरपीएफ शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं, जो पुलवामा में खुफिया विफलता के कारण शहीद हो गए थे। मुझे उम्मीद है कि सभी शहीद परिवारों का उपयुक्त रूप से पुनर्वास किया गया है।"
सर्जिकल स्ट्राइक पर मांगा सबूत
यह पहली दफा नहीं है जब दिग्विजय सिंह ने इस मसले पर हमला बोला हो। इससे पहले दिग्विजय केंद्र पर हमलावर होते रहे हैं। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जम्मू कश्मीर में एक रैली को संबोधित करते हुए दिग्विजय सिंह ने केंद्र से सर्जिकल स्ट्राइक पर सबूत मांगा था। उनके इस बयान पर काफी बवाल भी मचा लेकिन, फिर राहुल गांधी और जयराम रमेश ने पार्टी के लिए डैमेज कंट्रोल करते हुए इसे उनका निजी बयान बताया। राहुल गांधी ने सफाई देते हुए कहा था कि सुरक्षाबलों के शौर्य पर उन्हें किसी सबूत की जरूरत नहीं है।