Pulwama attack: पीएम मोदी का ट्वीट, जवानों का बलिदान कभी नहीं भूलेंगे
नईदिल्ली
14 फरवरी 2019 ये वो दिन था, जब एक आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 44 जवान शहीद हो गए थे। आज इस घटना के चार साल हो गए हैं, लेकिन इसके जख्म आज भी ताजा हैं। पूरा देश आज पुलवामा हमले के शहीदों को नमन को कर रहा है।
हमले के बाद 15 फरवरी को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हालात का जायजा लेने और यह देखने के लिए उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी कि क्या किया जाना चाहिए। हमले की प्रतिक्रिया के रूप में 12 IAF मिराज-2000 फाइटर जेट्स ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के अंदर बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के प्रशिक्षण शिविर पर सटीक हमला किया। भारतीय वायु सेना (IAF) ने 26 फरवरी 2019 को 'ऑपरेशन बंदर' को अंजाम दिया, जो पुलवामा आतंकी हमले का बदला था।
पुलवामा आतंकी हमले की बरसी पर पीएम मोदी का ट्वीट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, वीर नायकों को नमन, जिन्हें हमने इस दिन पुलवामा में खो दिया था। हम उनके सर्वोच्च बलिदान को कभी नहीं भूलेंगे। उनका साहस हमें एक मजबूत और विकसित भारत बनाने के लिए प्रेरित करता है।
वहीं कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने लिखा, आज हम उन 40 सीआरपीएफ शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं, जो पुलवामा में खुफिया विफलता के कारण शहीद हो गए। मुझे उम्मीद है कि सभी शहीद परिवारों का उपयुक्त रूप से पुनर्वास किया गया है।
पुलवामा हमले की बरसी से एक दिन पहले सोमवार को पुलिस ने दो ओवरग्राउंड वर्करों (ओजीडब्ल्यू) को विस्फोटकों के साथ गिरफ्तार कर कश्मीर को दहलाने के जैश-ए-मोहम्मद का बड़ा षड्यंत्र विफल कर दिया। आतंकियों के इन मददगारों से 25 ग्रेनेड, 230 कारतूस समेत दो पिस्तौल और असाल्ट राइफल की 10 मैगजीन व 300 कारतूस भी बरामद किए गए हैं। दोनों ओजीडब्ल्यू इन हथियारों को आतंकियों को देने के लिए ठिकाने से निकले थे।
14 फरवरी 2019 को क्या हुआ था
जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवंतीपोरा के पास गोरीपोरा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 44 जवान शहीद हो गए थे।
सीआरपीएफ के काफिले में करीब 60 से ज्यादा वाहन थे, जिनमें 2 हजार 547 जवान मौजूद थे।
जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने पुलवामा जिले में विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों की बस को निशाना बनाया था।
सीआरपीएफ जवानों की बस से टक्कर होते ही उसमें धमाका हुआ और करीब 40 जवान शहीद हुए थे।
बता दें कि जवानों को श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम स्थित ट्रांसिट कैंप में शाम से पहले पहुंचना था।
हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी।
भारत ने लिया जवानों की शहादत का बदला
पुलवामा हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आतंकियों को ललकारा था। उन्होंने कहा था कि मैं अपने दिल में वही आग महसूस करता हूं, जो आपके अंदर भड़क रही है। उन्होंने कहा था कि सभी आंसुओं का बदला लिया जाएगा।
पुलवामा हमले ने पूरे देश को अंदर से हिलाकर रख दिया था। जिसके बाद भारत ने जवानों की शहादत का बदला लिया।
पुलवामा हमले के 12 दिन के भीतर भारत ने पाकिस्तान में स्थित आतंकियों के ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी।
25 फरवरी 2019 की आधी रात के बाद मिराज-2000 विमानों ने ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरी थी।
26 फरवरी 2019 ये वो दिन था, जब भारतीय वायुसेना के विमानों ने पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर आतंकी कैम्पों को निशाना बनाया था।
इस हमले में जैश का कैडर काफी हद तबाह हो गया था और 300 के करीब आतंकी मारे गए थे।