पुलवामा हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय रडार पर आ गया पाकिस्तान, भारत ने 12 दिन में ही ले लिया था बदला
नई दिल्ली
पुलवामा में हुए आतंकी हमले को चार साल पूरे हो चुके हैं। साल 2019 में 14 फरवरी के ही दिन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने सेना के काफिले पर कायराना हमला किया था जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। हालांकि इस हमले के बाद पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फजीहत हुई और वह अंतरराष्ट्रीय रडार पर आ गया। आज पाकिस्तान अपने ही किए का फल भोग रहा है। जिस आतंक को वह पनाह देता रहा आज वही आतंकी संगठन उसके लिए नासूर बन गए हैं। खस्ताहाल अर्थव्यवस्था के बीच पाकिस्तान आतंकवाद से जूझ रहा है। पाकिस्तान ने अपनी विश्वसनीयता भी खो दी है इसलिए उसके बेलआउट पैकेज में भी देरी हो रही है।
क्या हुआ था उस दिन?
14 फरवरी 2019 को दोपहर लगभग तीन बजे श्रीनगर-जम्मू नेशनल हाईवे पर सीआरपीएफ के काफिले में विस्फोटक से भरा एक वाहन टकराया। जैश-ए-मोहम्मद ने यह हमला करवाया था। विस्फोट इतना भयंकर था कि सीआरपीएफ की बस के भी परखच्चे उड़ गए। इस काफिले में सीआरपीएफ के लगभग 2500 जवान थे। हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। ऐसे में इस तरह की आतंकी घटना का बदला लेना भी जरूरी हो गया था।
भारत ने कैसे लिया था बदला?
भारत ने आतंकी हमले के 12 दिन बाद ही बालाकोट में एयरस्ट्राइक करके जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों को ढेर कर दिया। साथ ही आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूत कर दिया गया। बाद में पता चला कि हमलावर का नाम आदजिल अहमद डार था। कई अन्य भी इस हमले में शामिल थे। इनके नाम सज्जाद भट्ट, मुदसिर अहमद खान थे। बाद में सेना ने चुन-चुनकर आतंकियों से बदला लिया और इन्हें भी ढेर कर दिया। एनआईए ने मामले की जांच की।
भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को घेरा
भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मुद्दे को उठाया जिसके बाद कई देश भारत के साथ खड़े हो गए। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कई देशों ने समर्थन किया। इसके अलावा यूएन में भी इस हमले की निंदा की गई। पीएम मोदी ने घोषणा कर दी थी कि इस हमले का बदला लिया जाएगा। 26 फरवरी की रात में 12 मिराज 2000 फाइटर जेट एलओसी के उस पार पहुंच गए और जैश के ठिकाने तबाह कर दिए। वायुसेना चीफ बीएस धनोआ ने इस एयरस्ट्राइक को लीड किया ता। वहीं पीएम मोदी और एनएसए अजीत डोभाल ऑपरेशन पर नजर बनाए हुए थे।