November 17, 2024

हत्या के मामले में राबड़ी सरकार में मंत्री रविंद्र नाथ मिश्र दोषी, कोर्ट ने भेजा जेल; 21 फरवरी को

0

बिहार  

बिहार की राबड़ी देवी सरकार के एक पूर्व मंत्री को कोर्ट ने हत्या का दोषी करार दिया है। चुनावी हिंसा में एक महिला की मौत का दोषी पूर्व मंत्री को पाया गया है। सारण कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व  मंत्री रविंद्र नाथ मिश्र  मामले में कोर्ट से दोषी करार दिये गये हैं। कोर्ट के फैसले के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया। छपरा कोर्ट ने पूर्व मंत्री को वर्ष 1990 में हुई हत्या के एक मामले में दोषी माना है।

छपरा के एमपी एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश सह एडीजे तृतीय नलिन कुमार पांडेय ने करीब 32 वर्ष से चल रहे हत्या के मामले में पूर्व मंत्री को भादवि की धारा 302, 171 (1), 126(2) में दोषी पाया है। बाद में उन्हें कोर्ट से मंडल कारा छपरा भेज दिया गया। वहीं, पूर्व मंत्री के भाई हरेंद्र मिश्रा को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया। गौर हो कि 27 फरवरी 1990 को विधानसभा चुनाव के मतदान के दिन मांझी प्रखंड के डुमरी गांव स्थित मतदान केंद्र संख्या 175-176 पर बूथ लूटने की मंशा से फायरिंग की गई। इसमें चांद दियर गांव के उमा बिन की गोली लगने से मौत हो गई थी।

मामले की अगली सुनवाई 21 फरवरी को होगी। कोर्ट द्वारा उस दिन पूर्व मंत्री को सजा सुनाई जाएगी। इस मामले में छपरा के मांझी थाना में दर्ज कांड संख्या 28/90 के सेशन ट्रायल संख्या 143/06 में अभियोजन की ओर से एपीपी ध्रुपदेव सिंह ने सरकार का पक्ष रखा। अभियोजन द्वारा इस मामले में कुल सात गवाहों की गवाही न्यायालय में कराई गई थी। बचाव पक्ष से अधिवक्ता चंद्र मोहन तिवारी भी न्यायालय में बहस किया।

साक्ष्‍य के अभाव में हरेंद्र मिश्र दोषमुक्‍त

इस मामले में पूर्व मंत्री के भारी बच गए।  रविंद्र मिश्र के भाई हरेंद्र मिश्र को साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, वर्ष 1990 के चुनाव के दिन 27 फरवरी को मांझी प्रखंड के बूथ संख्या 175 और 176 पर बूथ लूटने की मंशा से कुछ लोगों ने हमला बोल दिया था।

पीठासीन अधिकारी ने दर्ज कराया था केस

इस मामले में पीठासीन अधिकारी प्रणय मल्लिक और पोलिंग एजेंट महेश यादव ने मांझी थाने में केस कराया था। इसमें निर्दलीय उम्मीदवार और पूर्व मंत्री रविन्द्र नाथ मिश्र और उनके छोटे भाई हरेंद्र मिश्र समेत पर हत्या का आरोप लगाया गया था।

ग्रामीण विकास राज्य मंत्री थे मिश्र

बताते चलें कि रविंद्र मिश्रा वर्ष 2000 में मांझी विधानसभा से निर्दलीय विधायक चुने गए थे और राबड़ी देवी की सरकार में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री थे। 21 फरवरी को तय होगा कि पूर्व मंत्री की आगे की जिंदगी कैसे कटेगी। कोर्ट उन्हें कितनी सजा सुनाएगा इस पर चारों ओर चर्चा हो रही है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed