पाकिस्तानी पत्रकार के सवाल को अमेरिका ने कर दिया नजरअंदाज, BBC मामले पर दिया यह जवाब
वाशिंगटन
भारत में दिल्ली और मुंबई स्थिति बीबीसी के कार्यालयों पर इनकम टैक्स के अधिकारियों ने छापा मारा। इस मामले पर अमेरिका लगातार संभलकर बयान दे रहा है। मंगलवार को एक पाकिस्तानी पत्रकार ने इस मामले पर अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस से सवाल पूछने की कोशिश की, जिसे उन्होंने नजरअंदाज कर दिया। एआरवाई के रिपोर्टर जहांजैब अली ने इसके बारे में पूछा तो प्राइस ने कहा, "हम भारतीय कर अधिकारियों द्वारा दिल्ली में बीबीसी कार्यालयों में की गई छापेमारी से अवगत हैं।" पाकिस्तानी रिपोर्टर ने इस मामले पर अमेरिकी विदेश विभाग की विस्तृत प्रतिक्रिया प्राप्त करने की कोशिश की। इसके लिए और भी सवाल किए लेकिन नेड प्राइस ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
पाकिस्तानी पत्रकार ने 2002 के गुजरात दंगों पर बीबीसी की डॉक्यूमंट्र्री का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें अफसोस है कि किसी अमेरिकी अधिकारी ने इसकी आलोचना नहीं की है। वहीं, नेड प्राइस ने भारत और अमेरिका के बीच गहरे संबंधों का जिक्र किया। उन्होंने कहा, "मैं मोटे तौर पर यह कहूंगा कि ऐसे कई कारण हैं जो भारत के साथ अमेरिका की गहरी रणनीतिक साझेदारी को रेखांकित करते हैं। दोनों देशों के करीबी राजनीतिक और आर्थिक संबंध हैं।" हालांकि, इस दौरान प्राइस ने दुनिया भर में एक स्वतंत्र प्रेस के महत्व पर जोर दिया।
अधिकारियों के अनुसार, इंटरनेशनल टैक्सेशन और ट्रांसफर प्राइसिंग से जुड़े मामलों को लेकर सर्वे किया गया था। अधिकारियों ने आरोप लगाया था कि पहले नोटिस दिए जाने के बाद भी बीबीसी ने पालन नहीं किया था। बीबीसी ने सर्वे को लेकर जानकारी दी थी, 'इनकम टैक्स अथॉरिटीज नई दिल्ली और मुंबई में बीबीसी दफ्तरों पर हैं और हम पूरा सहयोग कर रहे हैं। हम उम्मीद करते हैं कि स्थिति जितना जल्दी हो सकेगा सुलझ जाएगी।'
खास बात है कि गुजरात दंगों को लेकर बीबीसी की डॉक्युमेंट्री 'India: The Modi Question' खासी चर्चा में रही थी। सरकार ने भारत में इसके प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी। हालांकि, राजनीतिक दलों और शिक्षण संस्थानों में डॉक्युमेंट्री दिखाए जाने की खबरें सामने आई थी, जिसके चलते खासा तनाव पैदा हो गया था। भारत सरकार ने इसे 'प्रोपेगैंडा पीस' बताया था।