माले की रैलीः विपक्ष में PM के कई चेहरे, एकजुटता है जरूरी; दीपंकर ने कहा- पूरे देश की नजर बिहार पर
बिहार
बिहार की राजधानी पटना में आयोजित लोकतंत्र बचाओ रैली में माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए विपक्षी एकता का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री चेहरा का संकट भाजपा को है। उसके पास एक ही नेता हैं। हम बहुदलीय व्यवस्था के पक्षधर हैं। इसलिए हमारे पास पीएम पद के बहुत चेहरे हैं। समय आने पर तय कर लिया जाएगा कि नीतीश कुमार, ममता बनर्जी, राहुल गांधी या अन्य में से कौन पीएम चेहरा होंगे। वर्ष 2024 की लड़ाई सामने है। भाकपा माले ने बुधवार को गांधी मैदान से 2024 की चुनाव तैयारियों का बिगुल फूंका। अभी लोकतंत्र बचाने के लिए विपक्षी एकता जरूरी है। सभी अपने-अपने तरीके से मोदी सरकार को हटाने का प्रयास कर रहे हैं। कांग्रेस का मजबूत होना और राहुल गांधी की पदयात्रा भी विपक्ष के लिए शुभ संकेत है। उन्होंने कहा कि भाकपा माले ने 11वें महाधिवेशन से एकता की शुरुआत कर दी है।
मोदी की नीतियां अडानी और अंबानी की हितैषी
माले महासचिव ने कहा कि मोदी अधिकार नहीं बल्कि कर्तव्य की बात करते हैं। केंद्र की नीतियां गरीबों की नहीं बल्कि अडानी-अंबानी के हित में है। इनके राज में अमीरों की संख्या बढ़ी है। वर्ष 2024 चुनाव से पहले वे राम मंदिर का उद्घाटन करने का मुद्दा उठा रहे हैं।
बीबीसी पर छापा, सच सामने आने का डर
श्री भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि बीबीसी के कार्यालयों पर इसलिए छापे मारे गए हैं कि उन्हें डर है कि गुजरात का सच लोगों के सामने आ जाएगा। गुजरात की तरह वे देश को सांप्रदायिकता की आग में झोंकना चाहते हैं। उनके लिए महंगाई, रोजगार कोई मुद्दा नहीं है। कहा कि सीमांचल और उत्तर बंगाल मिलाकर केंद्रशासित प्रदेश बनाना चाहती है। इसलिए विपक्ष की 25 फरवरी को पूर्णिया रैली में जरूर पहुंचे।
महाधिवेशन में विपक्षी दलों के नेता भी आमंत्रित
माले महासचिव श्री भट्टाचार्य ने 18 फरवरी को विपक्षी दलों के नेताओं नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, जीतनराम मांझी, हेमंत सोरेन आदि को आमंत्रित किया गया है। बिहार आंदोलनों का अगुआ रहा है। आज भी देश की नजर बिहार पर है। विपक्ष की एकजुटता और ताकत ने यहां भाजपा को सत्ता से बाहर किया है। बिहार से निकली एकता की पूरे देश में जरूरत है। इसी मजबूती के साथ 2024 में भी उन्हें शिकस्त देंगे।
गरीब उजाड़े जा रहे, रोजगार खत्म हो रहा
भाकपा-माले की रैली और महाधिवेशन में शामिल होने के लिए बिहार ही नहीं बाहर से भी कार्यकर्ता और प्रतिनिधि पहुंचे। बुधवार की रैली में वक्ताओं ने रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, गरीबों को आवास आदि मुद्दे उठाते हुए केंद्र की आलोचना की।
रैली को आइसा के राष्ट्रीय महासचिव सह पालीगंज विधायक संदीप सौरभ, आरवाइए के राष्ट्रीय अध्यक्ष, अगिआंव विधायक मनोज मंजिल, स्कीम वर्क्स फेडरेशन की राष्ट्रीय संयोजक व ऐपवा राज्य सचिव शशि यादव, सिकटा विधायक वीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता, खेग्रामस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विधायक सत्यदेव राम, पोलित ब्यूरो सदस्य, विधायक बगोदर (झारखंड) विनोद सिंह, ऐपवा महासचिव मीना तिवारी, मार्क्सवादी समन्वय समिति के हलधर महतो, विधायक महबूब आलम, अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव राजाराम सिंह ने भी संबोधित किया।
विधायक महबूब आलम ने कहा कि सीमांचल के खिलाफ साजिश को वहां की जनता बेनकाब कर देगी। ऐपवा की मीना तिवारी ने कहा कि महिलाओं से उनका अधिकार छीना जा रहा है। संदीप सौरभ, मनोज मंजिल ने कहा कि वादे कर सरकार युवाओं को रोजगार नहीं दे रही है। सत्यदेव राम और वीरेंद्र गुप्ता ने गरीबों को उजाड़ने का मुद्दा उठाया। इससे पहले शहीद वेदी पर नेताओं ने पुष्पांजलि की। आंध्रप्रदेश, बंगाल, असम, झारखंड, बिहार की सांस्कृतिक टीमों ने गीत व नृत्य पेश किए।
विदेशी प्रतिनिधि भी रहे मौजूद
मंच पर मार्क्सवादी समन्वय समिति के हलधर महतो, लाल निशान पार्टी (लेनिनवादी) के भीमराव बंसोड व विजय कुलकर्णी, सोशलिस्ट पार्टी आफ बांग्लादेश के बजरूल रसिक फिरोज व सैफुल हक (महासचिव, विप्लवी वर्कर्स पार्टी, बांग्लादेश), आस्ट्रेलिया के सोशलिस्ट एलाएंस के सैमुअल वेनराइट आदि उपस्थित रहे।