लखनऊ के बिल्डरों के पास 500 करोड़ की बेनामी संपत्तियां, आयकर खंगाल रही डिटेल
लखनऊ
राजधानी लखनऊ के कई बिल्डरों के पास अरबों की बेनामी संपत्तियां हैं। आयकर विभाग ने करीब आधा दर्जन बिल्डरों के पास करीब 500 करोड़ से अधिक की बेनामी संपत्ति की तलाश की है। इसके अलावा एलडीए से कुछ बिल्डरों से जुड़े दस्तावेज मांगे हैं। आयकर विभाग राजधानी के कई बिल्डरों, उद्यमियों की बेनामी संपत्तियों की तलाश कर रहा है। कुछ मामलों की उसने जांच शुरू कर दी है। एलडीए से इसका विवरण भी मांगा है। आयकर विभाग को दो रियल इस्टेट कंपनियों के पास भी करोड़ों की बेनामी संपत्ति की जानकारी मिली है। इसी तरह चार अन्य बिल्डरों के पास भी राजधानी में कई बेनामी संपत्ति है। आयकर विभाग की इन सभी पर नजर है। कुछ मामलों में आयकर विभाग ने सेक्शन 21 बेनामी प्रॉपर्टी ट्रांजैक्शन एक्ट 1988 के तहत कार्रवाई भी शुरू कर दी है।
डिप्टी कमिश्नर आयकर व इनीशिएटिंग अफसर बेनामी विंग आलोक कुमार सिंह ने मामले में एलडीएउपाध्यक्ष डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी को 27 जनवरी 2023 को पत्र लिखा है। आयकर विभाग ने सफायर संभव इंफ्रा एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड तथा सफायर डेवलपर्स लिमिटेड के बारे में तमाम जानकारी मांगी हैं। इसी तरह कई अन्य बिल्डरों के मामले की भी जांच चल रही है। जल्दी ही इनकी भी बेनामी संपत्तियां सामने आएंगी।
500 करोड़ से अधिक की बेनामी संपत्तियां होने का अंदेशा
एलडीए के एक अधिकारी ने बताया कि लखनऊ में बिल्डरों की 500 करोड रुपए से अधिक की बेनामी सम्पत्तियों का आंकलन किया गया है। कई बिल्डरों की बेनामी संपत्तियां गोमती नगर, गोमती नगर विस्तार, हजरतगंज, डालीबाग, महानगर, निराला नगर, अलीगंज, लालबाग तथा सप्रू मार्ग पर है। अधिकारी के मुताबिक आयकर विभाग की नजर बिल्डरों की इन सम्पत्तियों पर है।
सृजन बिहार कॉलोनी के बारे में भेजी रिपोर्ट
आयकर विभाग गोमतीनगर के सृजन विहार कालोनी की भी जांच कर रहा है। यहां कई अधिकारियों की बेनामी संपत्ति होने की आशंका है। कॉलोनी में 40 भूखंडों पर अभी कोई निर्माण नहीं है। यह भूखंड किसके हैं, यहां की आरडब्ल्यूए को भी जानकारी नहीं है। इस कालोनी के बारे में भी आयकर विभाग ने एलडीए से पिछले महीने जानकारी मांगी थी। एलडीए के एक अधिकारी ने बताया कि मामले की जानकारी आयकर विभाग को दे दी गई है।