November 16, 2024

आयुर्वेद प्राचीन काल से हमारे जीवन का हिस्सा, विद्यार्थियों के साथ संवाद में सीएम योगी बोले

0

गोरखपुर

मुख्यमंत्री एवं महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विश्व की सबसे पुरातन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद है। यह प्राचीनकाल से ही मानव जीवन का हिस्सा है। आज पूरी दुनिया ने एक बार फिर इसकी महत्ता को स्वीकार किया है। कृषि को आयुर्वेद से जोड़कर कई नए कार्य प्रारंभ किए जा सकते हैं। आज आयुर्वेद के क्षेत्र में तमाम स्टार्टअप इंतजार कर रहे हैं।

सीएम योगी बुधवार शाम महायोगी गोरखनाथ विवि, आरोग्यधाम में गुरु श्री गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कॉलेज) के दीक्षा समारोह के पहले दिन बीएएमएस नवीन बैच के पैरामेडिकल के प्रथम बैच के विद्यार्थियों के साथ संवाद कर रहे थे। सीएम ने कहा कि बीएएमएस के विद्यार्थी आयुर्वेद के साथ योग और नेचुरोपैथी से भी जुड़ें। कोरोना काल से ही दुनिया आयुष के पीछे भाग रही है।

सीएम योगी ने कहा कि जीवन में कुछ भी आसान या कठिन नहीं होता। निराशाजनक सोच सफलता में बाधक होती है। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि हमेशा लीक से हटकर कुछ नया करने का प्रयास करिए। ईश्वर ने हम सबको बनाया है लेकिन सब की आकृतियां व बुद्धिमत्ता का स्तर एक समान नहीं। इन सबके बावजूद मनुष्य एक समुदाय में रहता है और इसीलिए वह ब्रह्मांड पर विजय प्राप्त करता है। बीएएमएस के नवप्रवेशी छात्रों को प्रेरित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषि परंपरा की थाती आयुर्वेद के ग्रंथों का अध्ययन अवश्य करें। आयुर्वेद में अवसरों की कोई कमी नहीं है। बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार भी दे सकते हैं।

कार्यक्रम में महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी, कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव, गुरु श्री गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कॉलेज) के प्राचार्य मंजूनाथ एनएस, नर्सिंग कॉलेज की प्रधानाचार्या डॉ. डीएस अजीथा समेत सभी शिक्षक व छात्र-छात्राओं की सहभागिता रही।

डिजिटल लाइब्रेरी का लोकार्पण

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में डिजिटल लाइब्रेरी, कंप्यूटर लैब व ऑनलाइन एग्जाम सेंटर का लोकार्पण भी किया। लाइब्रेरी, लैब व सेंटर का निरीक्षण कर इस संबंध में जानकारी ली। उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के आयुर्वेद संकाय में रसशास्त्रत्त् के आचार्य प्रो. रामचंद्र रेड्डी की पुस्तक योगरत्नाकर का विमोचन भी किया।

इंसेफेलाइटिस नियंत्रण का अनुभव बताया

मुख्यमंत्री ने कहा कि 1977 में पूर्वी उत्तर प्रदेश दस्तक देने वाली इंसेफेलाइटिस से चार दशक में पचास हजार से अधिक मौतें हुई थीं। मुख्यमंत्री बने तो इलाज के लिए चिकित्सा तंत्र को सुदृढ़ करने के साथ उन उपायों पर भी ध्यान दिया जिससे इंसेफेलाइटिस की बीमारी हो ही न। शुद्ध पेयजल व स्वच्छता पर लोगों को जागरूक किया गया। चार साल में ही यह बीमारी 96 प्रतिशत नियंत्रित हो गई।

चिकित्सा तंत्र की रीढ़ है पैरामेडिक्स मुख्यमंत्री

सीएम ने पैरामेडिकल छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि पैरामेडिक्स चिकित्सा तंत्र की रीढ़ हैं। सरकार पैरामेडिकल शिक्षा को प्रोत्साहित कर रही है। पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों को सुव्यवस्थित करने को एक अलग बोर्ड के गठन की कार्यवाही शुरू की गई है। इन पाठ्यक्रमों का संचालनस्टेट मेडिकल फैकल्टी से जोड़कर होता था। नर्सिंग काउंसिल, फार्मेसी काउंसिल की तरह छात्रों को पैरामेडिकल काउंसिल से अनेक अवसर मिलेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed