November 15, 2024

बजट सत्र की तैयारियां शुरू, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने उठाया ये बड़ा कदम

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लखनऊ
उत्तर प्रदेश में 20 फरवरी से विधानमंडल के बजट सत्र की शुरुआत हो रही है। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की ओर से अब एक नई पहल की जा रही है। बताया जा रहा है कि विधानसभा परिसर में एक डिजिटल गैलरी खोली जाएगी जिसका मकसद विधानसभा के दोनों सदनों के इतिहास को जनता के सामने लाना है। इस बीच बजट सत्र को लेकर विधानसभा अध्यक्ष ने 19 फरवरी को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा है कि राज्य विधायी परिसर में एक डिजिटल गैलरी स्थापित की जा रही है जो इसके इतिहास को दर्शाने का काम करेगी।

बजट सत्र में 14 बैठकें प्रस्तावित
 राज्य सरकार ने बजट सत्र के लिए 14 बैठकें प्रस्तावित की हैं जो 20 फरवरी को दोनों सदनों की संयुक्त बैठक से पहले राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण से शुरू होंगी। विशेष सचिव, राज्य विधान सभा, ब्रज भूषण दुबे द्वारा जारी एक अस्थायी कार्यक्रम के मुताबिक, राज्यपाल का अभिभाषण उसी दिन दोपहर में सदन में पढ़ा जाएगा। राज्य सरकार उन अध्यादेशों को राज्य विधानमंडल के समक्ष रखने का भी प्रस्ताव करेगी जिन्हें सदन के मानसून सत्र के बाद प्रख्यापित किया गया है।

अपना दल (एस) के मौजूदा विधायक राहुल प्रकाश कोल के बीमारी के बाद निधन पर शोक जताने के बाद 21 फरवरी को राज्य विधानसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी जाएगी। उन्होंने मिर्जापुर के छानवे विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया।

22 फरवरी को सदन में पेश होगा बजट

राज्य सरकार का 2023-24 का वार्षिक बजट 22 फरवरी को विधानसभा में पेश करने का प्रस्ताव है। राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर भी उसी दिन बहस शुरू होगी, जिस दिन वार्षिक बजट पेश किया जाएगा। 2023-24 के आम बजट पर बहस 25 फरवरी से शुरू होगी। 7, 8 और 9 मार्च को सदन की बैठक नहीं होगी और राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश विनियोग विधेयक 2023 को पेश करने का प्रस्ताव रखा है।

19 फरवरी को होगी सर्वदलीय एवं कार्य मंत्रणा समिति की बैठक

इस बीच, महाना ने सभी दलों के नेताओं का सहयोग लेने के लिए 19 फरवरी को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। सदन के एजेंडे को अंतिम रूप देने के लिए उसी दिन सदन की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक भी बुलाई गई है। राज्य सरकार ने भी अपने निर्देशों को दोहराया है कि वरिष्ठ अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि सदन में उठाए गए सवालों और मुद्दों के जवाब में विधायकों और एमएलसी को प्रदान की जाने वाली जानकारी तथ्यात्मक रूप से सत्यापित हो और इसकी गुणवत्ता के बारे में कोई संदेह न हो।

प्रमुख सचिव संसदीय कार्य ने जारी किया पत्र

प्रमुख सचिव संसदीय कार्य जेपी सिंह ने सभी संभागीय आयुक्तों और जिलाधिकारियों को इस आशय को लेकर एक पत्र लिखा है जिसमें दोनों सदनों के सदस्यों को जानकारी उपलब्ध कराने की बात कही है।

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