तुर्की के PM की पत्नी ने पाक की मदद को दान दिया था हार, पर प्रधानमंत्री ने चुराकर रखा अपने पास
नई दिल्ली
बात साल 2010 की है। उस वक्त यूसुफ रज़ा गिलानी पाकिस्तान के प्रधान मंत्री थे। पाकिस्तान में भयंकर बाढ़ आई थी। इससे चिंतित मित्र राष्ट्र तुर्की के तत्कालीन प्रधानमंत्री और मौजूदा राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन की पत्नी और फर्स्ट लेडी एमिन एर्दोगन ने पाकिस्तान के बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए अपना हार पाक पीएम को दान में दे दिया था लेकिन वह हार गायब हो गया था। एर्दोगन साल 2003 से 2014 तक तुर्की के प्रधानमंत्री थे। इसके बाद अगस्त 2014 में वह देश के 12वें राष्ट्रपति बने।
हार गायब होने की सूचना पर पाकिस्तान के तत्कालीन गृह मंत्री चौधरी निसार अली खान ने संघीय जांच एजेंसी (FIA) को मामले की जांच करने का आदेश दिया। इस जांच के दौरान प्रधानमंत्री गिलानी ने कबूल किया था कि हार उनके ही पास है। 2015 में पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी ने देश के पूर्व प्रधान मंत्री गिलानी को तुर्की के राष्ट्रपति की पत्नी द्वारा दान किए गए हार को वापस करने का नोटिस भी जारी किया था। पाकिस्तान टुडे ने 21 जून को अपनी वेबसाइट पर इस रिपोर्ट को प्रकाशित भी किया था।
अपने नोटिस में एफआईए ने गिलानी को तीन दिन का समय दिया था कि वह दान में दिया गया हार लौटा दें या कानूनी मामले का सामना करें। पाकिस्तान टुडे के अनुसार, पाकिस्तानी मीडिया की एक स्थानीय रिपोर्ट में दावा किया गया कि गिलानी ने महंगा हार रखने की बात स्वीकार की थी। गिलानी ने कथित तौर पर कहा था, "हार मेरी बहन का है और मेरे पास है।"
गिलानी ने कहा कि तुर्की की प्रथम महिला द्वारा हार दान किए जाने के बाद उन्होंने पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक बाढ़-राहत शिविर का दौरा करने की योजना बनाई, जहां एक जोड़े की शादी हो रही थी। गिलानी ने कहा कि उनका इरादा दुल्हन को शादी के उपहार के रूप में हार देने का था, जिसकी बाजार कीमत 200,000 पाकिस्तानी रुपये आंकी गई है। हालांकि, उस दिन शादी करने वाली आठ लड़कियों को देखकर उन्हें आश्चर्य हुआ, इसलिए उन्होंने हार खुद रखने का फैसला किया और इसके बदले आठ जोड़ों में से प्रत्येक को 200,000 रुपये का उपहार दिया। गौरतलब है कि पाकिस्तान में 2010 की बाढ़ ने देश की लगभग 20 प्रतिशत भूमि को पानी से ढक दिया था। इस बाढ़ की त्रासदी में लगभग 2,000 लोग मारे गए थे और 2 करोड़ लोग प्रभावित हुए थे।