UP में मुसलमानों और SC/ST छात्रवृत्ति के नाम पर 75 करोड़ का घोटाला, ED ने 22 जगहों पर मारा छापा
नई दिल्ली
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के छह जिलों में 22 स्थानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई कुछ शैक्षणिक संस्थानों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में की गई। आरोप है कि इन संस्थानों ने फर्जी तरीके से अल्पसंख्यक, दलित और आदिवासी समुदायों के छात्रों के लिए मैट्रिक के बाद मिलने वाली सरकारी छात्रवृत्ति योजना का लाभ उठाया। जांच एजेंसी ने कहा कि हमें पता चला है कि इन संस्थानों द्वारा 75 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति का लाभ उठाया गया है। कुछ छात्रवृत्ति तो सात साल के बच्चों के बैंक खातों के जारी की गई है।
ईडी के अनुसार, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और शारीरिक रूप से विकलांग उम्मीदवारों की शिक्षा की सुविधा के लिए केंद्र और राज्य सरकारें विभिन्न छात्रवृत्ति प्रदान करती हैं। इसके अलावा, कुछ छात्रवृत्तियां अल्पसंख्यक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के छात्रों के लिए होती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, बयान में ईडी ने कहा, ''जांच में पता चला है कि अधिक से अधिक छात्रवृत्ति राशि का लाभ उठाने के लिए इन कॉलेजों और संस्थानों ने 7 से 12 वर्ष की आयु के बच्चों और 45 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग के व्यक्तियों के बैंक खातों का उपयोग किया। अब तक की गई जांच से पता चला है कि इन संस्थानों ने विभिन्न व्यक्तियों के दस्तावेजों का उपयोग करके लगभग 3,000 ऐसे खाते खोले। ज्यादातर खाते आम ग्रामीणों के नाम पर हैं, जिन्हें इन बैंक खातों के बारे में पता भी नहीं है और उन्हें कभी भी कोई छात्रवृत्ति नहीं मिली है।"
ईडी की छापेमारी में रवि प्रकाश गुप्ता सहित विभिन्न एजेंटों की सक्रिय संलिप्तता का भी पता चला है। ईडी ने दावा किया कि पूरा घोटाला मोहम्मद साहिल अजीज, अमित कुमार मौर्य, तनवीर अहमद और जितेंद्र सिंह सहित फिनो पेमेंट बैंक के कई एजेंटों की सहायता से संचालित किया गया था। तलाशी के दौरान एजेंसी ने बड़ी संख्या में सिम कार्ड और विभिन्न संस्थाओं के टिकट और मुहरें जब्त कीं।