स्वास्थ्य विभाग ने छह महीनों में की छह सौ करोड़ की खरीदी
भोपाल
प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग अपनी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के बजाय इन दिनों बंपर खरीदी को लेकर चर्चा में है। विभाग में लगातार खरीदी का क्रम जारी है। ऐसा कोई हफ्ता नहीं जा रहा है जब करोड़ों रुपए की खरीदी नहीं हो रही हो। एक अनुमान के मुताबिक पिछले छह महीनों में छह सौ करोड़ की खरीदी कर चुका विभाग अब और नई खरीदी करने जा रहा है।कोरोना काल में की गई खरीदी के बाद विभाग ने करीब 300 करोड़ के पलंग, गद्दे, चादर की खरीदी बिना मांग के कर डाली थी।
इसकी वजह से विभाग को बाद में गूगल शीट के माध्यम से जिला अधिकारियों से डिमांड बुलाना पड़ी थी। इस खरीदी को लेकर सामान की गुणवत्ता को लेकर सवाल भी उठे थे जिसे लेकर जिलों में जांच दल भी भेजे गए। सामान प्रदाता कंपनियों और सप्लायरों को भोपाल बुलाकर उनके द्वारा सप्लाई की गई चीजों को भी देखा गया। जिसमें कई तरह की खामियां भी मिलने की जानकारी है। इसके बावजूद एक बार फिर से नये सिरे से खरीदी करने की कवायद शुरु हो गई है।
हर जिले मे 3 करोड़ के फ्रिज
स्वास्थ्य विभाग हर जिले में करीब 3 करोड़ रुपए के फ्रिज खरीदकर देगा। यह खरीदी भी सेंट्रल परचेसिंग हो रही है और खरीदी तेलंगाना की कंपनी ये की जा रही है। प्रदेश के 52 जिलों में करीब डेढ़ सौ करोड़ के फ्रिज सप्लाई किए जाएंगे।
सारी खरीदी सेंट्रल परचेसिंग से
स्वास्थ्य विभाग चादर, गद्दे, फ्रिज, लेपटॉप सहित जितनी भी खरीदी कर रहा है वह सेंट्रल परचेसिंग के जरिए ही खरीदे जाएंगे। विभाग ने सालों पहले सेंट्रल परचेसिंग सिस्टम को बंद करते हुए जिलों को अधिकार दिए थे लेकिन अब फिर से जिलों से अधिकार वापस लेते हुए सेंट्रल परचेसिंग शुरु कर दी है।
सात दिन की सात बेडशीट
विभाग के ओर से हाल ही में सभी जिला अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे हफ्ते के सात दिन में सात कलर की बेडशीट का उपयोग करें। इसके लिए उन्हें गूगल शीट पर डिमांड भरकर देना है। विभाग अब एतिहात बरतते हुए पहले डिमांड बुला रहा है फिर सप्लाई करेगा। विभाग का यह नवाचार वाकई सराहनीय है लेकिन खरीदी की प्रक्रिया भी पारदर्शी रहे यह भी जरूरी है।