वनस्पति शास्त्र के विद्यार्थियों ने किया चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय का शैक्षणिक भ्रमण
अमरपाटन
शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अमरपाटन के वनस्पति शास्त्र विभाग के विद्यार्थियों ने चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय का शैक्षणिक भ्रमण डॉ. त्रिपुरान्तक शर्मा विभागाध्यक्ष वनस्पति शास्त्र के संयोजन और महाविद्यालय प्राचार्य डॉ सुरेश प्रताप सिंह के मार्गदर्शन में किया गया। भ्रमण दल का ग्रामोदय विश्वविद्यालय में गर्मजोशी से स्वागत किया गया। विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता डॉ आई पी त्रिपाठी ने विद्यार्थियों को रसायन शास्त्र के नवीन तथ्योँ एवं खोजों से विद्यार्थियों को अवगत कराया और छात्रों की जिज्ञासा और पूछे गए प्रश्नो के उत्तर प्रदान किया। जन्तु विज्ञान के डॉ एस के चतुर्वेदी ने जैविक खेती की उपयोगिता एवं आवश्यकता पर एक सारगर्भित व्याख्यान से विद्यार्थियों को जैविक खेती को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
वनस्पति विज्ञान के डॉ रवींद्र सिंह ने जैविक खेती की अपार संभावनाओ को बताया और विद्यार्थियों को टेरिस गार्डनिंग की ओर ध्यान देने की बात कही। भ्रमड दल ने विश्वविद्यालय के विभिन्न लैब, वानस्पतिक उद्यान, ई-वाचनालय, अध्ययन कक्षाओ और प्रयोगशाला का अवलोकन किया गया। भ्रमड़ दल ने विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ भरत मिश्रा से सोजन्य भेंट की। कुलपति महोदय ने भ्रमड़ दल का आत्मीय स्वागत करते हुए विद्यार्थियों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी। भ्रमड़ दल अपने अगले पड़ाव पर विश्वविद्यालय के कृषि संकाय पर पहुंचा जहाँ पर संकाय प्रमुख डॉ शिरोटिया ने कृषि और उससे जुड़े हुए नवीनतम प्रणालियो की जानकारी पृदान की। प्रोफेसर शर्मा ने विद्यार्थियों को जैविक खेती से सम्बंधित रोचक तथ्यपूर्ण जानकारी प्रदान की।
मिट्टी परिक्षण शाला, जैविक फॉर्म को देख कर विद्यार्थी अत्यंत उत्साहित हुए। भ्रमण दल ने कामतानाथ स्वामी के दर्शन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। महाविद्यालय प्राचार्य ने विश्वविद्यालय के कुलपति, अधिकारियों और कर्मचारियों को उनके आत्मिक सहयोग प्रदन करने के लिए सभी को धन्यवाद प्रदान किया गया। भ्रमड़ दल के साथ महाविद्यालय के आइक्युएसी प्रभारी डॉ एस एन मिश्र, एड ऑन कोर्स प्रभारी प्रो प्रदीप द्विवेदी, डॉ देवेंद्र सिंह, वाणिज्य विभाग के डॉ सुबोध शुक्ला, डॉ रश्मि पटेल, सतीश विश्वकर्मा, पंकज पाण्डेय, रिंकू कोल और जैविक खेती एड ऑन कोर्स तथा वनस्पति शास्त्र के कुल 50 विद्यार्थी समिलित रहे। भ्रमड दल सुनहरी यादों को संजोए हये कुशलता पूर्वक वापस अमरपाटन आ गया।