पेटिंग के अलावा पर्यटन स्थल के लिए भी प्रसिद्ध है मधुबनी, ये हैं टॉप टूरिस्ट प्लेस
बिहार
बिहार के प्रमुख जिलों में से एक मधुबनी है। देशभर में ये जिला कला और अपनी संस्कृति के लिए जाना जाता है। 1972 में ये दरंभगा से अलग होकर ये जिला बना। मधुबनी खूबसूरत पेटिंग बनाई जाती है जिसके लिए ये देश दुनिया में प्रसिद्ध है। पेटिंग की वजह से ये जिला धीरे-धीरेपर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो रहा है। इसके अलावा यहां कई प्रसिद्ध मंदिर हैं। आज की स्टोरी में हम आपको मधुबनी के खूबसूरत टूरिस्ट स्पॉट के बारे में बताने जा रहे हैं।
कपिलेश्वर मंदिर
मधुबनी मुख्यालय से 9 किलोमीटर दूर कपिलेश्वर मंदिर स्थित है। ये मंदिर भगावन शिव को समर्पित है। सावन महीने में यहां भक्तों का तांता लगा रहता है। वहीं, महाशिवरात्रि में यहां मेला लगता है। मंदिर के बार एक तालाब स्थित है। जिसमें श्रद्धालु स्नान करते हैं।
उच्चैठ
मधुबनी के बेननिपट्टी ब्लॉक में स्थित उच्चैठ मंदिर स्थित है। ये मंदिर देवी भवानी को समर्पित है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक कालिदास को इस स्थान पर देवी भगवती का आशीर्वाद प्राप्त हुआ था। इस मंदिर में काले शिलाखेंड पर देवी भवानी की प्रतिमा बनी है।
उगना महादेव
मधुबनी जिले के पंडौर ब्लॉक स्थित है। ये स्थान भगवान शिव और कवि विद्यापति के लिए प्रसिद्ध है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान शिव ने विद्यापति नौकरी की थी। जब एक बार घने जंगल में विद्यापति को प्यास लगी थी जब भगवान शिव ने अपनी जटा से गंगा निकालकर उन्हे पिलाया था।
सौराठ
मधुबनी के सौराठ एक छोटा सा गांव है। यहां सोमनाथ महादेव का मंदिर है। इस स्थान की खास बात ये है कि हर साल यहां मिथिलाचंल के लोग सौराठ स सभा करते हैं। जहां बैठ कर लोग योग्य दूल्हे की तलाश करते हैं। इसकी शुरूआत 700 साल पहले कर्णाट वंश के राजा हरिसिंह देव ने की थी। सभा के आयोजन के पीछे सोच ये थी कि एक गोत्र में शादी न होकर दुल्हा-दूल्हन के गोत्र अलग-अलग हो।
एकादश रूद्र मंदिर
मधुबनी के राजनगर प्रखिंड में स्थित एकादश रूद्ध मंदिर भगावन शिव को समर्पित है। इस मंदिर की स्थापना साल 1953 में की गई थी। सावन महीने में इस मंदिर में हजारों कांवरिया जल लेकर शिवालय मंदिर पहुचते हैं। वहीं हर सोमवार यहां भक्तों की भीड़ लगती है।