ऑस्ट्रेलिया के पास दिल्ली टेस्ट मैच को बचाने के लिए थे ये 2 मौके, लेकिन टीम दोनों बार रही फेल
नई दिल्ली
ऑस्ट्रेलिया की टीम को दूसरे टेस्ट मैच में भारत के खिलाफ करारी हार का सामना करना पड़ा। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले दो मैच कंगारू टीम हार चुकी है और अब सीरीज गंवाने की कगार पर है, लेकिन दिल्ली में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया के पास एक नहीं, बल्कि दो बार ऐसा मौका आया था, जब पैट कमिंस की कप्तानी वाली टीम मुकाबले में काफी आगे जा सकती थी, लेकिन ऐसा हो नहीं सका। दरअसल, ऑस्ट्रेलिया के पास एक बार गेंदबाजी से तो एक बार बल्लेबाजी से मैच में आगे निकल जाने और भारत पर दबाव बनाने का मौका था, लेकिन भारतीय टीम ने अपनी मेजबानी में ऐसा होने नहीं दिया। शायद यही कारण है कि मेहमान टीम के कप्तान पैट कमिंस अपनी टीम के प्रदर्शन से निराश हैं। उन्होंने ये भी माना है कि पहली पारी में हमें 300 या इससे ज्यादा का स्कोर करना था।
ऑस्ट्रेलिया की पहली चूक
ऑस्ट्रेलिया की टीम दिल्ली टेस्ट मैच में पहली चूक गेंदबाजी में की, जब ऑस्ट्रेलिया की टीम पहली पारी में 263 रन पर ढेर हो गई थी तो टीम के पास पहली पारी के आधार पर बढ़त बनाने का मौका था, क्योंकि भारत की टीम के 7 विकेट 139 रन पर गिर गए थे। ऐसे में कंगारू टीम कम से कम 100 रन की बढ़त ले सकती थी, लेकिन रविंद्र जडेजा और आर अश्विन की वजह से सिर्फ एक रन की बढ़त कंगारूओं को मिली। अगर ऑस्ट्रेलिया 90-100 रन की बढ़त मिल जाती तो भारत की टीम निश्चित रूप से दबाव में होती।
ऑस्ट्रेलिया की दूसरी चूक
एक बार गेंदबाजी से तो एक बार बल्लेबाजी में भी ऑस्ट्रेलिया के पास मैच बचाने का मौका था, क्योंकि तीसरे दिन जब ऑस्ट्रेलिया की टीम बल्लेबाजी करने उतरी थी तो उनके पास 9 विकेट थे और स्कोरबोर्ड पर 1 विकेट पर 61 रन थे और इस तरह 62 रनों की बढ़त ऑस्ट्रेलिया के पास थी। कंगारू टीम पहले ही सेशन में 113 रनों पर ढेर हो गई। ऐसे में भारत के सामने सिर्फ 115 रनों का लक्ष्य था। अगर ऑस्ट्रेलिया की टीम अच्छी बल्लेबाजी करती और कम से कम 280-300 रनों का टारगेट सेट करती तो निश्चित रूप से ऑस्ट्रेलिया के पास मैच जीतने का या मैच बचाने का मौका होता।