‘गहलोत और पायलट हिंदू वोटों के नुकसान के डर से मुस्लिमों पर मौन’, ओवैसी का कांग्रेस पर हमला
जयपुर
राजस्थान के भरतपुर के दो मुस्लिम युवकों की कथित तौर पर भिवानी में जिंदा जलाकर हत्या किए जाने के बाद से सियासी पारा गर्म है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को राजस्थान टोंक में एक जनसभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस नेता सचिन पायलट पर हिंदू वोट खोने के डर से अल्पसंख्यकों से जुड़े मुद्दों पर रणनीतिक रूप से चुप्पी साधने का आरोप लगाया। ओवैसी ने कहा, “अगर ओवैसी बजरंग दल द्वारा जिंदा जलाए गए नासिर और जुनैद के परिवार से मिलने के लिए भरतपुर जा सकते हैं, तो गहलोत और पायलट उनके परिवारों से क्यों नहीं मिल सकते? उन्हें डर है कि अगर उन्हें मुसलमानों के साथ देखा गया तो हिंदू भाई उन्हें वोट नहीं देंगे। यह एक वास्तविकता है कि वे आपका वोट चाहते हैं, लेकिन वे आपके भाई के कब्रिस्तान नहीं जाना चाहते हैं।”
गौ रक्षकों का नाम लेने से क्यों डरते हैं पायलट
रिपोर्ट के अनुसार, भरतपुर की घटना के लिए पायलट के बयान पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने कहा, “पायलट ने कहा है कि दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने गौ रक्षकों का नाम क्यों नहीं लिया? उनका नाम लेने से क्यों डरते हैं? अगर आप (कांग्रेस) बीजेपी को हराना चाहते हैं तो आपको उन्हें वैचारिक रूप से लेना होगा।” उन्होंने पायलट को विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए गुर्जर बहुल सीट की तलाश करने की सलाह दी क्योंकि एआईएमआईएम उनकी सीट से विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही है। “वह दौसा, सवाई माधोपुर और करौली जैसे जिलों से चुनाव क्यों नहीं लड़ते हैं जो गुर्जर बहुल हैं? उन्हें आश्वस्त किया जाना चाहिए कि एआईएमआईएम टोंक सीट से चुनाव लड़ेगी।
नासिर-जुनैद के परिजनों को मुआवजे में भेदभाव का आरोप
ओवैसी ने नासिर-जुनैद के लिए घोषित मुआवजा राशि में भेदभाव का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि गहलोत ने नासिर-जुनैद के परिवार को 15 लाख रुपये मुआवजा देकर भेदभाव क्यों किया, जबकि उदयपुर और भीलवाड़ा में हुई घटनाओं में मुआवजे की राशि 50 लाख रुपये और सरकारी नौकरी दी गई थी?” उन्होंने पारंपरिक कांग्रेस वोट बैंक वाली सीटों पर अपने समर्थकों से कांग्रेस और भाजपा का मुकाबला करने के लिए अपनी पार्टी AIMIM का समर्थन करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस चुनाव के दौरान वोट लेने के लिए आपको डराती है और जब वे सत्ता में आती है तो आपसे अछूत जैसा व्यवहार करती है। बीजेपी का स्पष्ट है कि उन्हें आपके वोट की जरूरत नहीं है। ऐसी स्थिति में आपको एआईएमआईएम का समर्थन करना होगा जो हर स्थिति में कमजोर और हाशिए पर खड़े होकर लोकतंत्र में उनका उचित हिस्सा सुनिश्चित करती है।