अब उत्तराखंड में हिंदी में होगी MBBS की पढ़ाई, एमपी के बाद दूसरा राज्य
देहरादून
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान की राह पर चल पड़े हैं। उत्तराखंड के मेडिकल कॉलेजों में हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए मध्य प्रदेश में तैयार पाठ्यक्रम को लागू किया जाएगा। चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से गठित कमेटी की सिफारिश के आधार पर सरकार यह निर्णय लेने जा रही है।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू करने का ऐलान किया था। इसके लिए चिकित्सा शिक्षा विवि की ओर से प्रो सीएमएस रावत की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई थी। इस कमेटी ने मध्य प्रदेश में तैयार किए गए एमबीबीएस हिंदी पाड्यक्रम का अध्ययन करने के बाद अपनी रिपोर्ट निदेशालय को सौंप दी है।
इसके बाद अब निदेशालय कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर आगे की तैयारी शुरू कर रहा है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने बताया कि मध्य प्रदेश सरकार की ओर से तैयार किए गए हिंदी पाठ्यक्रम को ही राज्य में लागू किया जाएगा। विभाग के अफसरों को इस संदर्भ में जरूरी औपचारिताओं को पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।
रिफ्रेंस बुक के रूप में काम में आएगा पाठ्यक्रम :
चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि एमबीबीएस का हिंदी पाठ्यक्रम एक तरह की रिफ्रेंस बुक होंगी। जिसमें छात्रों को अंग्रेजी के कठिन शब्दों को समझने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि बच्चों को केवल हिंदी में पढ़ाने की बजाए उनकी समझ बढ़ाने के लिए हिंदी का इस्तेमाल किया जाएगा ताकि ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्रों को पढ़ाई में कठिनाई न हो।
फैसला लागू करने से पहले रिसर्च जरूरी : भट्ट
पूर्व स्वास्थ्य महानिदेशक और चिकित्सा शिक्षा के भी निदेशक रहे डॉ आरपी भट्ट का कहना है कि मेडिकल एजुकेशन में रिफार्म की जरूरत तो है। लेकिन भाषाई स्तर पर किसी भी प्रयोग से पहले रिसर्च की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आज के समय में अधिकांश छात्र शुरू से ही अंग्रेजी पढ़ रहे हैं।
ऐसे में मेडिकल की पढ़ाई में मिक्सचर उनके लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है। यह भी देखने की जरूरत है कि आज कितने हिंदी मीडियम बच्चे नीट निकाल पा रहे हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि अपनी भाषा में डॉक्टर तैयार करने से आम व गरीब लोगों को बड़ा लाभ होगा। लेकिन इस काम को अचानक करने की बजाए चरणबद्ध तरीके से इस पर आगे बढ़ने की जरूरत है।