कश्मीरी पंडितों के सवाल पर चुप क्यों है सरकार : दिग्विजय सिंह
( अमिताभ पाण्डेय )
भोपाल । पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा है कि केंद्र सरकार कश्मीरी पंडितो की समस्याओं को लेकर उठाए गए सवालों का जवाब नहीं देना चाहती है। उन्होंने कहा कि इस बारे में राज्यसभा में पूछे गए सवालों का जवाब नहीं मिला है।
उन्होंने इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। श्री सिंह ने पत्र में उल्लेख किया गया है कि मेरे द्वारा राज्यसभा में गृह विभाग से तारांकित प्रश्न क्रमांक 1528 पूछा गया था जिसका दिनांक 08 फरवरी 2023 को सदन में उत्तर दिया जाना नियत था।
मुझे यह जानकर आश्चर्य हुआ कि ‘कश्मीरी पंडितों की समस्याओं’ को लेकर मेरे द्वारा किये गए प्रश्नको गोपनीय प्रकृति का बताकर निरस्त कर दिया गया है। मैं इस पत्र के माध्यम से संसद में पूछे गये प्रश्न को पुनः दोहरा रहा हूँ जिसमें यह समझ से परे है कि कश्मीरी पंडितों के लिये मेरे द्वारा उठाये गये सवाल के उत्तर में ऐसा क्या गोपनीय था जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो सकता था?
श्री सिंह के अनुसार मेरा सवाल यह था कि कश्मीर घाटी में कश्मीरी पंडितों की हत्याओं को रोकने के लिये सरकार ने क्या कदम उठाये है?क्या सरकार ने कश्मीरी पंडित कर्मचारियों के वेतन को इसलिये रोक दिया है क्योंकि उन्होंने हत्या की आशंका से अपना स्थान परिवर्तन करने की मांग की थी? यदि हाँ तो इसके क्या कारण है?
क्या सरकार कश्मीर की हिन्दू आबादी को कश्मीर घाटी से बाहर पुनर्स्थापित करना चाहती है?
कांग्रेस महासचिव श्री सिंह ने कहा कि ये सवाल हमारी पार्टी के प्रमुख नेता राहुल गांधी के समक्ष भी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान उपस्थित हुए थे। हमारी जानकारी के अनुसार कश्मीरी हिन्दू कर्मचारी वहाँ भयभीत है और उन्हें सरकार की ओर से समुचित और प्रभावी आश्वासन नही मिला है।
अपने पत्र में श्री सिंह ने उल्लेख किया कि मुझे इन सवालों में ऐसी कोई बात भी नही दिखाई देती जिनका उत्तर देने पर राष्ट्र के गोपनीय महत्व के तथ्य उजागर हो सकते है। केंद्रीय गृह मंत्री के जवाब नही देने से कश्मीरी पंडितों और वहाँ की हिन्दू आबादी में यह संदेश जा रहा है कि सरकार सिर्फ कश्मीरी पंडितों या हिन्दुओं की बात भर करती है किन्तु उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर नही है।
अपने पत्र में श्री सिंह अनुरोध किया है कि गृह मंत्री इन सवालों का व्यक्तिगत तौर पर उत्तर प्रेषित करने का कष्ट करें। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया गृहमंत्री मुझे इन प्रश्नों का उत्तर अवश्य देंगे।