भारत में 2047 तक 47 हजार अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनने का सामर्थ्य : गोयल
नई दिल्ली
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत के लिए आजादी के 100वें वर्ष में 2047 तक 47 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था हासिल करने का लक्ष्य देश के बढ़ते सामर्थ्य के कारण संभव है। गोयल ने यहां 17वें भारतीय डिजिटल शिखर सम्मेलन (आईडीएस2023) के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले आठ-नौ वर्षों से देश में सुशासन, इसके विशाल प्रतिभावान मानवसंसाधन और प्रवासी भारतीयों के समर्थन के समक्ष यह लक्ष्य अल्कपनीय नहीं कहा जा सकता। दो दिन के इस सम्मेलन का आयोजन इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन आफ इंडिया (आईएएमएआई) ने गूगल और मैसेजबर्ड के सहयोग से किया था।
गोयल ने याद दिलाया कि कैसे विभिन्न प्रकार की राजनीतिक और आर्थिक अनिश्चितताओं और विपरीत परिस्थितियों के बावजूद, 1991 के बाद से भारतीय अर्थव्यवस्था में 11.5 गुना वृद्धि देखी गई है। इस दौरान भारत 300 अरब डालर से बढ़ कर 3.5 हजार अरब डालर की अर्थव्यवस्था हो चुका है। उन्होंने डिजिटल क्षेत्र में भारत के विस्तार के विषय में कहा, “2030 तक, भारत का वार्षिक वाणिज्यक निर्यात 1,000 अरब डालर तक पहुंच सकता है।’
उन्होंने इसी संदर्भ में स्टार्टअप इंडिया मिशन और डिजिटल इंडिया का उल्लेख किया और कहा, ‘हमने देखा है कि ब्रॉडबैंड देश के दूर-दराज के इलाकों में फैल चुका है और स्मार्ट फोनधारक 80 करोड़ हो गए हैं। मैं उस दिन की कल्पना करता हूं जब देश भर में हर परिवार में हमारे पास एक स्मार्टफोन होगा। आईडीएस देश का सबसे बड़ा और सबसे पुराना डिजिटल सम्मेलन है। इस बार इसमें 500 से अधिक डिजिटल ब्रांडों और 3000 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। शिखर सम्मेलन का समापन 57 श्रेणियों में प्रतिष्ठित इंडिया डिजिटल अवार्ड्स (13वें संस्करण) के विजेताओं की घोषणा के साथ हुआ।