बरगी लिफ्ट सिंचाई को लेकर नर्मदा घाटी विभाग अधिकारियों से की चर्चा : डा.मर्सकोले
मंडला
सदस्य (अभियांत्रिकी) नर्मदा घाटी विकास विभाग भोपाल के प्रमोद शर्मा का विभागीय कार्य से मंडला आगमन हुआ था।इसकी जानकारी मिलने पर निवास विधायक डॉ अशोक मर्सकोले उनसे सबंधित क्षेत्र की विभिन्न समस्याओ को लेकर मिले।उन्होने उल्लेख किया कि बरगी बांध के कारण मंडला जिला सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। बरगी जलाशय से बीजाडांडी और नारायणगंज मंडला के क्षेत्र के किसानों के द्वारा विगत कई वर्षो से सिंचाई के लिए पानी की मांग किया जा रहा है।जिसके सबंध में मुख्य अभियंता रानी अबंतिबाई सागर लोधी परियोजना (बरगी) द्वारा बताया जाता है कि बरगी बांध जलाशय की उपयोगी क्षमता 3180 मिलियन घनमीटर है।जिसमें से बायीं तट नहर से 157000 हेक्टेयर एवं दायीं तट नहर से 245000 हेक्टेयर, नगर निगम जबलपुर, छावनी क्षेत्र जबलपुर, विधुत उत्पादन एवं अन्य प्रयोजन के उपयोग हेतु आवंटित है।जलाशय में अतिरिक्त जल उपलब्ध नहीं होने के कारण अन्य योजनाओ हेतु जल प्रदाय किया जाना संभव नहीं है।
परंतु चूंकि मंडला का डूब प्रभावित क्षेत्र वासियों की तकलीफ़ जिसमें लिफ्ट सिंचाई की जनमांग है जिसके साथ अन्य विषयों को लेकर मंडला से जबलपुर तक कि यात्रा कर कमिश्नर को ज्ञापन भी दिया था, जिसमें उन्होने बरगी जलाशय से लिफ्ट सिंचाई हेतु जमठार-पिण्डरई क्षेत्र बीजाडांडी के लिए किरहुपिपरिया के बगल में नाला ,जामुनपानी उदयपुर क्षेत्र, बीजाडांडी के लिए जामूनपानी के समीप हिंगना नाला ,बेलखेङी क्षेत्र, बीजाडांडी के लिए गुमटी के पास बिजनानाला,चाटी- समनापुर नारायणगंज के लिए खम्हरिया – भरियाटोला नर्मदा जलाशय,और चीरी – फुलसागर के लिए नर्मदा जलाशय से 12000 हेक्ट जमीन के लिए पानी देने की मांग रखी। इसके पुर्व भी बरगी बांध क्षेत्र के विधायक संजय यादव, योगेन्द्र बाबा और डॉ अशोक मर्सकोले ने बरगी जलाशय से लिफ्ट सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने सदस्य अभियांत्रिकी प्रमोद शर्मा से उनके कार्यालय भोपाल में मिल चुके हैं।
सदस्य आभियंत्रिकी ने आश्वस्त किया की इस सबंध में उच्च स्तर पर चर्चा और आपके द्वारा दिये गए चिन्हित स्थल का पुनर्परिक्षण करा कर जल्द सूचित करता हूं। डॉ मर्सकोले ने बसनिया बांध निरस्त कर चार पांच जगह केटीवेयर बांध स्टॉप डैम सिंचाई (बांध का गेट बर्षात के अंत में बंद किया जाता है)बनाकर क्षेत्र में लिफ्ट सिंचाई उपलब्ध कराने की मांग भी रखी और साथ ही मण्डला नैनपुर के थांवर डैम से चिरेडोंगरी रेलवे तक आसपास क्षेत्र के गांव में कई वर्षों से सिंचाई मांग की जा रही है। उक्त संबंध में भी आस्वस्त किया है।
ज्ञात हो कि मंडला जिले के कई क्षेत्रों में सिंचित भूमि न होने के कारण ग्रामीण खेती नहीं कर पा रहे हैं।जिले में एक बहुत बङा क्षेत्रफल पठार का भी है,यह भूमि सिंचित न होने के कारण ग्रामीण इस भूमि में खेती नहीं कर पा रहे हैं।मंडला जिले में इस वर्ष रबी फसल का रकबा 1 लाख 68 हजार हेक्टेयर होने का अनुमान है,जिसमें से मात्र 27 हजार 546 हेक्टेयर में विभिन्न स्रोतो से सिंचाई मिलने का अनुमान है।जो कुल रबी फसल रकबा का मात्र 16 प्रतिशत ही होता है।जबकि मंडला जिले के 9 विकास खंडों मे से 6 विकासखंड होकर नर्मदा नदी गुजरती है और कई सहायक नदियां भी हैं।