यूक्रेन में रूस के हमले के बीच बाइडन ने पश्चिमी सहयोगियों के साथ संबंध मजबूत करने की कवायद की
वॉरसॉ
अमेरिका के राष्ट्रपति जो. बाइडन की यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच हुई यूरोप यात्रा समाप्त हो गई और इस दौरान उन्होंने उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के अपने पूर्वी सहयोगियों के साथ साझेदारी मजबूत करने की कोशिश की। इस बीच, यूक्रेन पर जारी रूस के हमलों के करीब एक साल पूरा होने के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की चीन से नजदीकियां बढ़ रही हैं।
बाइडन ने यूक्रेन और पोलैंड की अपनी चार दिवसीय यात्रा में अपने सहयोगी देशों को आश्वस्त किया कि यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बावजूद अमेरिका उनके पक्ष में खड़ा रहेगा। इस यात्रा के अंत में बाइडन ने वॉरसॉ में ‘बुखारेस्ट नाइन’ के नेताओं से मुलाकात की।
नाटो गठबंधन के पूर्वी क्षेत्र के नौ देशों को ‘बुखारेस्ट नाइन’ कहा जाता है। ये देश 2014 में उस वक्त एक साथ आए थे, जब पुतिन ने यूक्रेन से क्रीमिया को अलग करके उस पर कब्जा कर लिया था। इन नौ देशों में चेक गणराज्य, एस्टोनिया, हंगरी, लातविया, लिथुआनिया, पोलैंड, रोमानिया और स्लोवाकिया शामिल हैं।
इस बीच, पुतिन ने मॉस्को में ‘चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी’ के वरिष्ठतम विदेश नीति अधिकारी वांग यी की मेजबानी की। अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने सचेत किया है कि चीन रूसी सेना को हथियार एवं गोला-बारूद की आपूर्ति करने पर विचार कर रहा है। दोनों पक्षों की ओर से की गई कवायद इस बात का संकेत देती है कि यूक्रेन में संघर्ष अभी और बढ़ने की आशंका है।
बाइडन इस यात्रा के दौरान अचानक कीव पहुंचे और उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की तथा इसके बाद उन्होंने मंगलवार को वॉरसॉ में पश्चिमी एकता को लेकर भाषण दिया। बाइडन के पोलैंड में भाषण देने के बीच पुतिन ने घोषणा की कि रूस ‘न्यू स्टार्ट’ संधि में अपनी भागीदारी निलंबित कर रहा है। यह संधि अमेरिका के साथ रूस का आखिरी बचा हुआ परमाणु हथियार नियंत्रण समझौता है।
बाइडन ने कहा कि पुतिन ने अमेरिका एवं रूस के बीच परमाणु हथियारों की नियंत्रण संधि के आखिरी बचे हिस्से से अपने देश की भागीदारी निलंबित करके ‘‘बड़ी भूल’’ की है। उन्होंने ‘बुखारेस्ट नाइन’ के नेताओं से मुलाकात की। जैसे-जैसे यूक्रेन में युद्ध खिंचता जा रहा है, ‘बुखारेस्ट नाइन’ देशों की चिंताएं बढ़ गई हैं। कई देशों को चिंता है कि यूक्रेन में सफल होने के बाद पुतिन उन देशों के खिलाफ भी सैन्य कार्रवाई कर सकते हैं।
बाइडन ने इस डर को दूर करने की कोशिश करते हुए कहा कि नाटो का आपसी रक्षा समझौता ‘‘पवित्र’’ है और ‘‘हम नाटो के हर इंच की रक्षा करेंगे।’’ बाइडन बुधवार देर रात वाशिंगटन लौटे।