इष्टदेवताओं का पूजन कर महोत्सव में आने का किया गया आह्वान
रायपुर
श्री धर्मनाथ जिनालय एवं जिनकुशल सूरी दादाबाड़ी के दस दिवसीय महामहोत्सव की कड़ी में शनिवार को पूरे भक्तिमय माहौल के बीच साइंस कालेज मैदान में निर्मित अतिआकर्षक रत्नपुरी नगरी का उद्घाटन हुआ। इस महोत्सव हेतु विशाल सभा मंडप 85000 वर्ग फीट में बिना खम्बे का बना यह स्थल राजदरबार परमात्मा का, अपने आप में ही अनूठा है। रात में इसकी लाइट की सजावट मन मोह ले रहा है। सुधर्मा स्वामी सभा मंडप में रोज के कार्यक्रम संचालित होंगे धर्मनाथ जिनालय दादाबाड़ी में कुम्भ स्थापना, अखंड दीपक और ज्वारारोपण किया गया। देवताओं का पूजन व दस दिशाओं के इष्टदेवताओं का पूजन कर उनको इस महोत्सव में आने का आह्वान किया गया तथा भैरव पूजन कर इस महा विधान का हर कार्य मंगलकारी पूर्ण होने की प्रार्थना की गई, साथ ही सोलह देवियों का पूजन, नवग्रह पूजन, अष्टमंगल पूजन, लघु सिद्धचक्र पूजन, लघु विस स्थानक पूजन संपन्न हुआ। किसी भी मंदिर के निर्माण के बाद प्रतिष्ठा के पूर्व यह सब पूजन अति आवश्यक विधान होता है। हिन्दू धर्म ही नहीं सभी धर्मो में इन विधानों का अपूर्व महत्व है।
गच्छाधिपति आचार्य श्री जी ने बताया की जगत में सर्वोत्कृष्ट वास्तु जिन मंदिर का होता है, विशुद्ध एवं प्रभाव संपन्न क्षेत्र में श्रेष्ठतम माप, आकर, दिशा कोण आदि वास्तु सिद्धांतो के श्रेष्ठतम समन्वय से बने महामंगल कारी स्थापय का नाम है जिन मंदिर, पिरामिड जिसे प्रभाव धरने वाला होता है मंदिर का शिखर प्रासाद पुरुष, सदा ही मंगल कारी कलश एवं चौदह स्वपनों में से एक ध्वज आदि को, उनके प्रभाव को विधि पूर्वक जागृत कर के शिखर पर स्थापित किया जाता है, ऐसे मंगल प्रतीकों से युक्त होता है जिन मंदिर जिसे सिद्ध चक्र आदि यन्ता दिखने में जड़ होने पर भी चैतन्य पर अपना मंगल प्रभाव बताते है, उसी तरह जिनमंदिर रूपी महायंत्र का भी हमारे चैतन्य पर बड़ा ही कल्याणकारी व जीवंत प्रभाव होता है।
श्री ऋषभ देव जैन मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों ने बताया कि महोत्सव को लेकर अपार उत्साह का वातावरण हैं। रायपुर नहीं अपितु पूरे देश भर से पहुंचे जैन समाज के सदस्य महोत्सव में शामिल होकर पुण्य लाभ ले रहे है। रत्नपुरी नगरी में शनिवार को 2 बड़े भोजन खंड गुरु गौतम स्वामी भोजन खंड एवं भारत चक्रवर्ती भोजन खंड का भी उद्घाटन हुआ। साथ ही नित्य के विधान हेतु भव्य चल जिनालय का निर्माण किया गया है .हर विधान के लिए मंदिर अतिआवश्यक है इसलिए सुंदर मंदिर भी साइंस कॉलेज में बनाया गया है।
रविवार का कार्यक्रम
रविवार फाल्गुन सुदी 7 को जिनकुशल सूरी दादाबाड़ी एमजी रोड में प्रात: परमात्मा का च्यवन कल्याणक विधान प्रारम्भ होगा। परमात्मा च्यवनकर माता सुव्रता की कोख में आयेंगे। माता 14 मंगलकारी स्वप्न देखेंगी, इंद्रा का सिंहासन कम्पायमान होगा, साथ ही सुबह स्वप्न का फल बताया जायेगा। प्रात: 5.30 से 9 बजे तक चलने वाले इस विधान में सारी क्रिया बहुत सूक्ष्म रूप से समझायी जायेगी, परमात्मा का हर कार्य जगत के लिए कल्याणकारी होता है इसलिए जैन समाज परमात्मा का कल्याणक महोत्सव मनाता है।
रविवार को रत्नपुरी नगरी में च्यवन कल्याणक को विस्तार पूर्वक परमात्मा के राज परिवार के राज मंचन द्वारा बताया जायेगा, 14 मंगलकारी सपनों का महत्व बताया जायेगा। हर स्वपन अपने आप में सुबह फल देने वाला होता है और मंगल कारी है, हर गर्भवती माताओं को इन स्वप्नों के सार को अवश्य श्रवण करना चाहिए, क्योकि इनको सुनने से सुंदर एवं तेजस्वी रत्नो के रूप में संतान की प्राप्ति होती है। हम जैसा सुनते है वैसा हमारा मन हो जाता है ठीक उसी तरह अगर हम महा मंगलकारी स्वप्नों का श्रवण करेंगे तो हमें मानसिक शांति तो मिलेगी साथ ही हमारे आस-पास का वातावरण भी हमें अपने अनुकूल प्रतीत होता नजर आयेगा। श्री ऋषभ देव जैन मंदिर ट्रस्ट एवं सकल संघ ने परमात्मा के सभी कल्याण को को श्रवण कर दर्शन कर अपने जीवन को कल्याणकारी बनाने हेतु सारे विधान में सपरिवार पधारने का निवेदन किया है।