उत्तराखंड में भारी डिमांड, 10 रुपये की बिजली 12 रुपये में खरीदने को मजबूर ऊर्जा निगम
देहरादून
उत्तराखंड में विद्युत आपूर्ति को लेकर अभी से ऊर्जा निगम की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। लगातार बढ़ रही गर्मी के साथ बिजली खपत भी बढ़ने लगी है। देशभर में बढ़ती डिमांड के चलते आपूर्ति सुचारू रखने के लिए ऊर्जा निगम राष्ट्रीय बाजार से महंगी बिजली खरीद को मजबूर है। पीक आवर्स में 10 रुपये प्रति यूनिट बिजली 12 रुपये की दर से खरीदनी पड़ रही है। इसके अलावा आवश्यकता के अनुसार बिजली भी बाजार से नहीं मिल पा रही है।
देश में आवश्यकता के अनुसार नहीं हो पा रहा विद्युत उत्पादन
गैस और कोयले की किल्लत के कारण देश में विद्युत उत्पादन आवश्यकता के अनुसार नहीं हो पा रहा है। जबकि, उत्तराखंड में जल विद्युत परियोजनाओं से भी अभी बेहद कम उत्पादन हो रहा है। ऐसे में प्रदेश में बिजली आपूर्ति सुचारू बनाने के लिए केंद्र सरकार के डीप पोर्टल से बिजली खरीद के प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि, ऊर्जा निगम की ओर से 300 मेगावाट बिजली की बिडिंग करने पर आधी बिजली ही मिल पा रही है। पीक आवर्स में निगम को 12 रुपये प्रति यूनिट से भी अधिक में बिजली मिल पा रही है। जबकि, इस दौरान प्रदेश में चार से छह सौ मेगावाट तक की कमी हो रही है।
आने वाले दिनों में मांग बढ़ने पर ऊर्जा निगम के सामने आपूर्ति को लेकर बड़ी चुनौती पेश आ सकती है। साथ ही राष्ट्रीय बाजार में बिजली की दरें और बढ़ने की आशंका है। इन दिनों केंद्र से अतिरिक्त बिजली मिलने और बाजार से महंगी बिजली खरीद के बावजूद दो मिलियन यूनिट से अधिक बिजली की कमी है। जिसके चलते ग्रामीण और औद्यौगिक क्षेत्रों में कटौती भी जारी है।
विद्युत मांग लगातार बढ़ रही है, जबकि जरूरत के हिसाब से बिजली नहीं मिल पा रही है। अभी से बाजार में बिजली के दाम बढ़ गए हैं। अधिक दाम चुकाने के बावजूद पर्याप्त बिजली नहीं मिल रही है। आने वाले दिनों में संकट गहरा सकता है। ऊर्जा निगम की ओर से विद्युत उपलब्धता बढ़ाने के भरसक प्रयास किए जा रहे हैं।
मांग बढ़ने पर 20 रुपये तक पहुंच सकते हैं बाजार में दाम
बीते वर्ष कोयला और गैस की कमी के कारण विद्युत उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ था। तब देशभर में बिजली संकट उत्पन्न हो गया था। जिसके चलते राष्ट्रीय बाजार में बिजली के दाम 18 से 20 रुपये तक पहुंच गए थे। इस बार भी भीषण गर्मी की आशंका के चलते मांग में अप्रत्याशित वृद्धि हो सकती है। जिससे बाजार में बिजली की दरें आसमान पर पहुंचने की आशंका है।