September 23, 2024

सीमा पर दो भारतीय इलाके में नेपाली सेना की गतिविधि, खुफिया एजेंसी ने केंद्र को भेजी रिपोर्ट; देश के लिए खतरा

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बिहार 

बिहार में बेतिया के नवलपरासी के पास नेपाल से सटे दो स्थान नरसही और सुस्ता भारत-नेपाल की सीमा के लिए विवादित स्थल बन गए हैं। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण ये दोनों स्थान बिहार के साथ ही देश के लिए खतरा भी बनते जा रहे हैं। इस मसले को लेकर बिहार की एसएसबी (सशस्त्रत्त् सीमा बल) इकाई ने मौजूदा स्थिति का समुचित वर्णन करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक रिपोर्ट भेजी है। इसमें इसका जल्द ही समुचित समाधान निकालने के लिए भी अनुरोध किया गया है। केंद्रीय खुफिया एजेंसी ने भी इस इलाके को लेकर केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें यहां नेपाल के लोगों के बड़ी संख्या में बसने और संदिग्ध गतिविधि की बात कही गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस मामले में गृह मंत्रालय के स्तर से मामले का समाधान निकालने के लिए पहल भी कर दी गई है। नेपाल के उच्चाधिकारियों से वार्ता भी की गई है।

यह है पूरा मामला

1970 के दशक में गंडक नदी ने अपना मार्ग बदल लिया था। इसके बाद नरसही और सुस्ता नामक स्थान भारत की सीमा में आ गए। क्योंकि दोनों देशों के बीच गंडक नदी ही सीमा विभाजन की रेखा के तौर पर काम करती है। इसी नदी को नारायणी भी कहते हैं। नदी के इस तरफ का इलाका भारत और उस तरफ का इलाका नेपाल के हिस्से में आता है। नदी का मार्ग बदलने से पहले ये दोनों स्थान नेपाल के अधीन आते थे। भारत की तरफ इन स्थानों के आने के बाद से इसे नो-मैन लैंड के तौर पर छोड़ दिया गया। परंतु पिछले कुछ समय से नेपाल ने इस पर अपना अधिकार फिर से जताना शुरू कर दिया है। कुछ एक बार दोनों देशों की सेनाओं के बीच इस स्थान पर बहस भी हो चुकी है। पिछले कुछ महीनों में यहां लोगों की संदिग्ध गतिविधि काफी बढ़ गई है। नेपाली सेना की भी गतिविधि यहां दिखने लगी है। यह भी देखा गया है कि कई अपराधी वारदातों को अंजाम देकर बेतिया की तरफ से इस इलाके में जाकर शरण ले लेते हैं।

समाधान जल्द निकालना आवश्यक

रिपोर्टों के अनुसार, आतंकी के अलावा मादक पदार्थ, नकली नोट, सोना समेत अन्य पदार्थों की तस्करी से जुड़ी गतिविधि के बढ़ने के कारण भी इस तरह के विवादित स्थान इनके लिए बेहतर पनाहगाह बन रहे हैं। इसका पूरी तरह से नियंत्रण भारतीय सुरक्षा बलों के पास आने से यह इलाका पूरी तरह से सुरक्षित हो जाएगा। बिहार से लगी सीमा पर संदिग्ध गतिविधि के स्थान समाप्त हो जाएंगे।

उत्तराखंड में भी हैं ऐसे स्थान

उत्तराखंड में काली नदी से जुड़ा काफी बड़ा इलाका भी नेपाल की सीमा के साथ विवाद में उलझा हुआ है। यहां के लिंपियाधुरा, लिपुलेख, कालापानी जैसे इलाके भी भारत की जद में आ गये हैं, लेकिन नेपाल अपनी दावेदारी इस पर करता है। हालांकि बिहार वाले इलाके के लिए अभी इस स्तर पर विवाद उत्पन्न नहीं हुआ है।
 

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