November 24, 2024

आतंक के खिलाफ भारत की ताकत US ने भी पहचानी, इस रिपोर्ट में जमकर हुई तारीफ

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नई दिल्ली
 
भारत आतंकवाद से प्रभावित देश रहा है। समय-समय पर भारत के अलग अलग शहरों में आतंकी घटनाएं अंजाम दी गई, लेकिन इन सब के बावजूद भारत अब आतंकी हमलों और आतंकवादी संगठनों के संचालन का पता लगाने और उन्हें तबाह करने काफी हद तक सक्षम है। इस क्षेत्र ने भारत ने सराहनीय काम किया है। यूएस ब्यूरो ऑफ काउंटर टेररिज्म की 'कंट्री रिपोर्ट्स ऑन टेररिज्म 2021: इंडिया' के अनुसार भारत सरकार ने आतंक पर नकेल कसके के लिए जरूरी प्रयास किए। रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में, आतंकवाद ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर, पूर्वोत्तर राज्यों और मध्य भारत के कुछ हिस्सों को प्रभावित किया। लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन, आईएसआईएस, अल-कायदा, जमात-उल-मुजाहिदीन और जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश, भारत में सक्रिय आतंकवादी समूह हैं।

2021 में आतंकवादियों की रणनीति में एक बदलाव देखा गया। वे नागरिकों पर हमलों और आईईडी पर अधिक निर्भरता की ओर बढ़ गए, जिसमें वायु सेना के अड्डे पर ड्रोन का उपयोग करके एक विस्फोटक हमला भी शामिल है। अक्टूबर 2021 में अमेरिका, भारत ने काउंटर टेररिज्म ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप की 18वीं बैठक की और नवंबर 2021 में भारत ने ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ दूसरे क्वाड काउंटर टेररिज्म टेबलटॉप अभ्यास की मेजबानी की। 'कंट्री रिपोर्ट्स ऑन टेररिज्म 2021: इंडिया' रिपोर्ट के अनुसार, भारत आतंकवाद की जांच से संबंधित जानकारी के लिए अमेरिकी अनुरोधों का तुरंत जवाब देता है और अमेरिकी सूचना के जवाब में खतरों को कम करने के प्रयास करता है। साझा प्रयास से आतंकवाद पर नकेल कसने में भारत हमेशा तत्पर रहा है।

आतंकवाद के खिलाफ भारत के प्रयास
भारत ने आतंकवाद और आतंकी संगठनों से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं। जिसमें आतंकवाद विरोधी कानूनों को मजबूत बनाना शामिल है। भारत ने आतंकवाद से अधिक प्रभावी ढंग से निपटने के लिए अपने आतंकवाद विरोधी कानूनों को मजबूत किया है। गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए), 1967 को 2019 में संशोधित किया गया था। भारत सरकार ने आतंकवादी गतिविधियों का पता लगाने और उन्हें रोकने के लिए अपनी खुफिया जानकारी एकत्र करने की क्षमताओं को बढ़ाया है। आतंकवाद से संबंधित मामलों की जांच और मुकदमा चलाने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) बनाई गई है।

दूसरे देशों से लिया सहयोग
भारत ने आतंकवाद से निपटने के लिए दूसरे देशों के साथ सहयोग बढ़ाया है। भारत ने कई देशों के साथ प्रत्यर्पण संधियों पर हस्ताक्षर किए हैं, और अन्य देशों के साथ खुफिया जानकारी और जानकारी साझा की है।

सीमा सुरक्षा को किया गया मजबूत  
आतंकवादियों को देश में प्रवेश करने से रोकने के लिए भारत ने अपनी सीमा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कदम उठाए हैं। सरकार ने सीमा चौकियों की संख्या बढ़ा दी है, अतिरिक्त कर्मियों को तैनात कर दिया है और निगरानी उपकरण स्थापित कर दिए हैं। भारत ने आतंकवादी संगठनों के वित्तपोषण में कटौती के उपाय किए हैं। सरकार ने आतंकवाद के वित्तपोषण के संदेह में व्यक्तियों और संगठनों की संपत्तियों को जब्त कर लिया है। कुल मिलाकर, भारत ने आतंकवाद से निपटने के लिए एक बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाया है, जिससे बहुत हद तक आतंकवाद पर लगाम लग गई है।

 

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