September 22, 2024

Exit Poll-त्रिपुरा-नगालैंड में भाजपा गठबंधन को बहुमत, मेघालय में सयंश

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नईदिल्ली

 पूर्वोत्तर में एक बार फिर बीजेपी का कमल खिलता हुआ तो कांग्रेस की सियासी जमीन सिकुड़ती हुई नजर आ रही है. त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय विधानसभा चुनाव के नतीजे दो मार्च को आएंगे, लेकिन उससे पहले एक्सिस माय इंडिया-आजतक के एग्जिट पोल में बीजेपी का दबदबा कायम है. त्रिपुरा में बीजेपी के आगे कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन और टिपरा माथो का दांव काम नहीं आया तो नगालैंड में बीजेपी-एनपीपी गठबंधन के सामने सभी बेअसर रहे जबकि मेघालय में पिछली बार की तरह किसी भी दल को बहुमत नहीं मिलता दिख रहा है.

पूर्वोत्तर के त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय तीनों राज्यों में 60-60 विधानसभा सीटें हैं. तीनों राज्यों में बीजेपी अपने दम पर या फिर गठबंधन के साथ 2018 से सरकार चला रीह है. त्रिपुरा में बीजेपी अपने दम पर सत्ता में है और अकेले चुनावी मैदान में उतरी थी. मेघालय में बीजेपी ने नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के साथ मिलकर सरकार बनाई थी, पर इस बार अलग-अलग चुनाव लड़े थे. नगालैंड में नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी ने बीजेपी के साथ मिलकर सत्ता में थी और उसी के साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतरी थी. एग्जिट पोल के सर्वे अगर नतीजे में तब्दील होते हैं तो फिर पूर्वात्तर बीजेपी का मजबूत गढ़ बनता दिख रहा है.

त्रिपुरा में बीजेपी का दबदबा

त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री माणिक साहा के अगुवाई और पीएम मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ने का दांव बीजेपी का सफल रहा जबकि लेफ्ट का कांग्रेस के साथ गठबंधन करने की रणनीति काम नहीं आ सकी. एक्सिस माय इंडिया और आजतक के सर्वे में त्रिपुरा विधानसभा की 60 सीटों में से बीजेपी 36 से 45 सीटें मिलती दिख रही हैं जबकि लेफ्ट-कांग्रेस के खाते में 9 से 11 सीटें ही मिलती नजर आ रही हैं. त्रिपुरा के राजपरिवार के प्रद्योत बर्मन की टिपरा मोथा 9 से 16 सीटें मिलती दिख रही हैं, जो त्रिपुरा में एक बड़ी राजनीतिक ताकत के रूप में उभरते नजर आ रहे हैं.

त्रिपुरा की सियासत में बीजेपी से मुकाबला करने के लिए लेफ्ट और कांग्रेस ने 25 साल पुरानी सियासी दुश्मनी भुलाकर साथ आए थे, लेकिन बीजेपी के सामने टिक नहीं सके. 2018 से भी कम सीटें उन्हें मिलती हुई नजर आ रही है. गठबंधन से ज्यादा बेहतर प्रदर्शन टिपरा मोथा करती हुई नजर आ रही है. 2018 में बीजेपी को 36 सीटें मिली थी, लेकिन इस बार यह आकंड़ा बढ़ता हुआ दिख रहा है तो लेफ्ट को अकेले दम पर 16 सीटें मिली थी और कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली थी. कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने बाद भी इस आंकड़े के करीब नहीं पहुंच पा रही है.

बीजेपी को त्रिपुरा में इस बार 45 फीसदी वोट मिलता दिख रहा है तो कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन को 32 फीसदी वोट शेयर मिल सकता है जबकि 2018 में कांग्रेस और लेफ्ट को मिलाकर 50 फीसदी वोट मिले थे. इस बार 18 फीसदी के करीब वोट शेयर घट सकते हैं. टिपरा माथो को 20 फीसदी वोट मिल सकता है. इससे एक बात साफ है कि आदिवासी बेल्ट में टिपरा माथों ने कांग्रेस और लेफ्ट के साथ-साथ बीजेपी के वोटबैंक में भी सेंधमारी की है. पश्चिम बंगाल के कई मंत्रियों ने त्रिपुरा का खूब दौरा किया, लेकिन टीएमसी असर नहीं दिखा सकी. टीएमसी महज वोट कटवा पार्टी साबित होती दिख रही है.

मेघालय में बीजेपी-कांग्रेस कौन किंगमेकर?

मेघालय में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही राष्ट्रीय पार्टियां भले ही अपने दम पर सत्ता में वापसी करती नहीं दिख रही हो, लेकिन किंगमेकर की भूमिका में जरूर दिख रही है. एक्सिस माय इंडिया और आजतक सर्वे के मुताबिक मेघालय में किसी भी पार्टी को अपने दम पर बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है. एनपीपी 18 से 24 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनती जरूर नजर आ रही है, लेकिन बहुमत से दूर खड़ी हुई दिख रही है. बीजेपी को 4 से 8 सीटें मिलती हुई नजर आ रही है तो कांग्रेस के खाते में 6 से 12 सीटें मिल सकती है जबकि अन्य को 4 से 8 सीटें मिल सकती हैं.

बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 21 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी जबकि एनपीपी को 20 और बीजेपी को दो सीटें मिली थी. इस तरह एनपीपी और बीजेपी ने मिलकर सरकार बना ली थी. इस बार के चुनाव में सभी दल अकेले-अकेले मैदान में उतरे थे. बीजेपी और एनपीपी भी अलग-अलग किस्मत आजमा रहे थे. एग्जिट पोल के सर्वे अगर नतीजे में तब्दील होते हैं तो एनपीपी राज्य में सबसे बड़ी पार्टी भले ही बन जाए, लेकिन राज्य के सत्ता की चाबी बीजेपी और कांग्रेस के हाथों में होगी. ऐसे में एनपीपी किसे साथ लेकर सरकार बनाएगी यह देखना होगा. ममता बनर्जी की टीएमसी मेघालय में कांग्रेस के विकल्प बनने के तौर पर उतरी थी, लेकिन किसी तरह का कोई करिश्मा नहीं दिखा सकी. कांग्रेस के की राह में जरूर रोड़ा बनती दिख रही है.
 

नगालैंड में बीजेपी गठबंधन का दबदबा

नगालैंड में बीजेपी का एनडीपीपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का दांव सफल रहा है. एक्सिस माय इंडिया और आजतक सर्वे के मुताबिक बीजेपी-एनपीपी के गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिलता दिख रहा है. गठबंधन को 38 से 48 सीटें मिल सकती हैं जबकि कांग्रेस को 1 से 2, एनपीएफ को 3 से 8 सीटें मिलने का अनुमान है. नगालैंड में विपक्ष के पास कोई खास सियासी आधार नहीं है जबकि सीएम नेफ्यू रिओ के चेहरे पर चुनाव लड़ने का दांव एनडीपीपी और बीजेपी के लिए फायदेमंद साबित हुआ.

बता दें कि नगालैंड 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने एनडीए से गठजोड़ कर चुनाव जीता था. एनडीए को 2018 के चुनाव में 32 सीटें मिली थीं. जबकि नगा पीपुल्स फ्रंट को 27 सीटें मिल पाई थीं. नेफ्यू रिओ के चेहरे पर एनडीए चुनाव लड़ा था, जिसमें एनडीपीपी 40 सीटों पर तो बीजेपी 20 सीटों पर चुनावी मैदान में उतरी थी. राज्य की 60 सीटों में से बीजेपी और उसके सहयोगी एनडीपीपी को 38 से 48 सीटें मिलती दिख रही है. इस तरह पूर्णबहुमत के साथ सरकार बनती हुई दिख रही है.

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