‘चीन को एक पाई नहीं दूंगी’, भारत के दुश्मन का हुक्का-पानी बंद करने के मूड में US की राष्ट्रपति उम्मीदवार
अमेरिका
अमेरिका की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार और भारतीय मूल की अमेरिकी नेता निक्की हेली भारत के दो दुश्मनों चीन और पाकिस्तान के खिलाफ सख्त हैं और उन्होंने मंगलवार को कहा है, कि दुनिया में चीन से ही कोरोना वायरस फैला है और अगर वो सत्ता में आती हैं, तो फिर वो चीन को दी जाने वाली मदद पर पूरी तरह से रोक लगा देंगी। निक्की हेली ने आरोप लगाते हुए कहा, कि कोरोना वायरस संभवत: चीनी प्रयोगशाला से ही आया है और उन्होंने अमेरिका से चीन की किसी भी तरह की सहायता में कटौती करने के लिए कहा है।
चीन पर आक्रामक निक्की हेली
आपको बता दें, कि निक्की हेली भारतीय मूल की अमेरिकी नेता हैं और वो डोनाल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी से ताल्लुक रखती हैं। निक्की हेली ने 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपनी उम्मीदवारी का ऐलान किया है। हालांकि, उनकी उम्मीदवारी कितनी कामयाब होगी, इसका फैसला आगे हो पाएगा। लेकिन, उन्होंने अपने बयानों से जता दिया है, कि अमेरिका और चीन के बीच भविष्य में कैसा संबंध रहने वाला है और अमेरिका की राजनीति चीन को लेकर किस तरह से आगे बढ़ने वाली है। निक्की हेली ने कहा है, कि 'कम्युनिस्ट चीन के लिए एक पैसा भी नहीं है।' इससे पहले निक्की हेली ने कहा था, कि सत्ता में आने पर वह अमेरिका से नफरत करने वाले देशों को मिलने वाली विदेशी सहायता में एक-एक रुपये की मदद बंद कर देंगी। इसमें उन्होंने चीन के अलावा पाकिस्तान का भी नाम लिया था और उन्होंने कहा था, कि "एक मजबूत अमेरिका बुरे लोगों को भुगतान नहीं करेगा।"
पाकिस्तान का भी हुक्का पानी बंद करेंगी
निक्की हेली ने जिस तरह का आक्रामक चुनाव कैम्पेन शुरू किया है, उसके बाद जाहिर हो गया है, कि आने वाले वक्त में रिपब्लिकन पार्टी के नेता किस तरह का चुनाव प्रचार करेंगे और आगामी अमेरिकी चुनाव में चीन को लेकर जमकर राजनीति होने वाली है। निक्की हेली ने कहा, कि "मैं उन देशों को मिलने वाली विदेशी सहायता एक एक रुपये बंद कर दूंगी, जो हमसे नफरत करते हैं। एक मजबूत अमेरिका बुरे लोगों को भुगतान नहीं करेगा। एक गर्वित अमेरिका हमारे लोगों की गाढ़ी कमाई बर्बाद नहीं करेगा। और अमेरिका उन्हीं नेताओं पर भरोसा करेगा, जो हमारे दुश्मनों के खिलाफ और हमारे दोस्तों के साथ खड़े हैं। आपको बता दें, कि निक्की हेली दक्षिण कैरोलिना की गवर्नर और संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के पूर्व राजदूत रह चुकी हैं और उन्होंने न्यूयॉर्क पोस्ट के लिए लिखे एक आर्टिकिल में चीन को अमेरिका का दुश्मन बताया है।
विदेशी सहायता पर 46 अरब खर्च
निक्की हेली के मुताबिक, "अमेरिका ने पिछले साल विदेशी सहायता पर 46 अरब डॉलर खर्च किए हैं और यह अब तक किसी भी अन्य देश के मुकाबले काफी ज्यादा है। लिहाजा, उन्होंने कहा है कि, टैक्सपेयर्स को यह जानने का अधिकार है, कि उनका पैसा कहां जा रहा है और उनके पैसों से क्या हो रहा है"? उन्होंने जोर देते हुए कहा, कि लोग यह जानकर चौंक जाएंगे, कि अमेरिकी मदद का अधिकांश हिस्सा अमेरिकी विरोधी देशों को निधि देने में चला जाता है। ग्रैंड ओल्ड पार्टी (जीओपी) की नेता हेली ने औपचारिक रूप से 15 फरवरी को व्हाइट हाउस की रेस के लिए अपने अभियान की शुरूआत की और खुद को रिपब्लिकन नेताओं की "नई पीढ़ी" के हिस्से के रूप में मतदाताओं के सामने पेश किया, जो चुनाव जीतने की हैसियत रखती हैं।
भारतीय मूल की नेता हैं निक्की हेली
निक्की हेली, रिपब्लिकन पार्टी की राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल होने वाली पहली भारतीय अमेरिकी महिला हैं। दक्षिण कैरोलिना की पूर्व गवर्नर और संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत के रूप में, हेली ने खुद को रिपब्लिकन पार्टी के लिए भविष्य का नेता साबित किया है और अमेरिका में रहने वाली भारतीय कम्युनिटी के सामने खुद को भारत की एक गौरवशाली बेटी के रूप में पेश किया है, लिहाजा इंडियन कम्युनिटी के बीच उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है। न्यूयॉर्क पोस्ट में उन्होंने अपने लिखे आर्टिकिल में निक्की हेली ने कई उदाहरणों का हवाला देते हुए कहा, कि अमेरिका ने पिछले कुछ वर्षों में ईरान को 2 अरब अमरीकी डालर से ज्यादा की सहायता दी है, भले ही ईरान की तरह से अमेरिकी सैनिकों पर हमले किए जाते हैं और ईरान "अमेरिका की मौत!" चाहता है।
'पाकिस्तान को फिर सैन्य सहायता'
निक्की हेली ने कहा, कि "बाइडेन प्रशासन ने पाकिस्तान को सैन्य सहायता देनी फिर से शुरू कर दी है, जबकि पाकिस्तान कम से कम एक दर्जन आतंकवादी संगठनों का घर है और पाकिस्तान की सरकार पूरी तरह से चीन की तरफ झुकी हुई है"। निक्की हेली ने कहा, कि टीम बाइडेन ने एक भ्रष्ट संयुक्त राष्ट्र एजेंसी को आधा बिलियन डॉलर बहाल किया, जो फिलिस्तीनी लोगों की मदद करने वाली है, लेकिन असल में हमारे सहयोगी इज़राइल के खिलाफ गहन यहूदी-विरोधी प्रचार को कवर करता है।" उन्होंने आगे कहा, कि संयुक्त राष्ट्र में सबसे ज्यादा अमेरिकी विरोधी मतदान का रिकॉर्ड रखने वाले देश जिम्बाब्वे को अमेरिका ने करोड़ों डॉलर दिए हैं। अमेरिकी करदाता अभी भी हास्यास्पद पर्यावरण कार्यक्रमों के लिए कम्युनिस्ट चीन को पैसा देते हैं, इसके बावजूद कि चीन अमेरिकियों के लिए साफ तौर पर खतरा है। हम बेलारूस को पैसा देते हैं, जो रूसी तानाशाह व्लादिमीर पुतिन का सबसे करीबी सहयोगी है। हम कम्युनिस्ट क्यूबा को भी पैसा देते हैं, एक देश जिसे हमारी अपनी सरकार ने आतंकवाद के राज्य प्रायोजक के रूप में नामित किया है।