होली पर बढ़ा मिलावट का कारोबार, ऐसे करें शुद्ध खोवा की पहचान
नई दिल्ली
जैसे- जैसे होली पर्व नजदीक आ रहा है बाजार में मिलावट का कारोबार बढ़ गया है। खासकर खोवा मार्केट में। होली पर खोवा की डिमांड लगभग चार गुना बढ़ गयी है। डिमांड बढ़ने के साथ ही इसकी शुद्धता में कमी देखने को मिल रही है। दूध का उत्पादन न बढ़ने के बावजूद खोवा की इतनी डिमांड कैसे पूरी हो रही है।
जानकारी के मुताबिक, सामान्य दिनों में रोज एक हजार से बारह सौ क्वींटल खोवा की खपत होती है। लेकिन होली पर्व के मद्देनजर इसकी खपत बढ़ गयी है। इन दिनों प्रतिदिन लगभग चार हजार क्वींटल खोवा की खपत हो रही है। जो 220 से 600 रुपये किलो बिक रहा है। गोलघर खोवा मंडी के जानकारों के मुताबिक, होली, दीपावली या कोई पर्व आते ही यहां मिलावट का कारोबार बढ़ जाता है। सस्ते चावल का आटा, शकरकंद, आलू सहित कई केमिकल मिलाकर नकली खोवा तैयार किया जाता है।
एक किलो खोवा तैयार करने में गाय के छह लीटर दूध की आवश्यकता होती है। गाय का दूध इन दिनों गोरखपुर में 60 से 80 रुपये लीटर बिक रहा है। इसके बाद इसे तैयार करने में ईंधन की जरुरत होती है। कुल मिलकार छह सौ रुपये से कम में खोवा बेचना मुनाफा नहीं देगा। ऐसे में बहुत जगहों पर खोवा 250 से 500 रुपये किलो तक बिक रहा है। जो मिलावट की पुष्टि करता है।
सहायक आयुक्त गुंजन कुमार ने बताया कि खाद्य सुरक्षा व औषधि विभाग की तीन टीमें गठित की गयी हैं जो 6 मार्च तक अभियान चलाकर दुकानों पर बिक रहे सामानों की शुद्धता की जांच करेगी। इस दौरान मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।