September 24, 2024

करतारपुर कोरिडोर ने 75 वर्ष बाद मिलाए भारत-पाक में रहने वाले दो भाइयों के परिवार

0

गुरदासपुर/नारोवाल(विनोद)
 करतारपुर कोरिडोर ने एक बार फिर भारतीय तथा पाकिस्तानी परिवारों को 75 वर्ष बाद मिलाया जो भारत-पाकिस्तान के विभाजन के कारण बिछड़ गए थे। मिलने पर दोनों ही देशों के परिवार भावुक दिखाई दिए। सीमापार सूत्रों के अनुसार भारत पाकिस्तान के विभाजन से पहले दया सिंह का परिवार भारत के शहर गोमला में रहता था। जब वह जवान हुए तो उनके पिता की मौत हो गई। उसके पिता के दोस्त करीम बख्श ने दोनों भाइयों दया सिंह तथा गुरदेव सिंह का पालन-पोषण किया तथा दोनों के नाम भी बदल दिए। गुरदेव सिंह का नाम गुलाम मोहम्मद तथा दया सिंह का नाम गुलाम रसूल रख दिया गया।

दया सिंह ने बताया कि भारत-पाकिस्तान विभाजन के समय वह अपने ननिहाल कुरुक्षेत्र चला गया जबकि गुरदेव सिंह पाकिस्तान के शहर झंग में रह गया। दया सिंह ने बताया कि वह तो गुलाम रसूल से फिर दया सिंह बन गया जबकि उसका भाई गुरदेव सिंह पाकिस्तान में गुलाम मोहम्मद ही बना रहा तथा उसके बच्चे भी मुस्लिम बन गए। गुलाम मोहम्मद की कुछ वर्ष पहले मौत हो गई। गुलाम मोहम्मद मौत से पहले अपने भाई दया सिंह को याद कर रहे थेे। बीते 6 माह से गुलाम मोहम्मद के पुत्र मोहम्मद शरीफ ने भारत तथा पाकिस्तान सरकारों को दर्जन से अधिक पत्र लिखे परंतु दोनों ही सरकारों से कुछ जानकारी नहीं मिली। मोहम्मद शरीफ को सोशल मीडिया द्वारा 6 माह पहले अपने चाचा दया सिंह के बारे मे जानकारी मिली तथा तब से लगातार सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क बना हुआ था।

दया सिंह के अनुसार दोनों परिवारों ने गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब में मिलने की योजना बनाई। जब गत दिवस वे लोग करतारपुर कोरिडोर के रास्ते गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब पहुंचे तो वहां उसके भाई का बेटा मोहम्मद शरीफ अपने परिवार के साथ पहले ही पहुंचा हुआ था। दोनों परिवारों में 75 वर्ष बाद मिलने की बहुत ही खुशी थी तथा दुख भी था कि जल्दी ही दोनों परिवार फिर देशों की सीमाओं के कारण अलग-अलग हो जाएंगे। दया सिंह के अनुसार वहां पर हमारे रिश्तेदारों ने हमारा फूलों की वर्षा से स्वागत किया तथा हमारे मिलन के कारण अन्य श्रद्धालु भी भावुक हो गए। वहां पर दोनों ही परिवारों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाई तथा अपने-अपने देश के गीत भी गाए।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *