उमेश पाल हत्याकांड: अशरफ के गुर्गे अंडरग्राउंड, अतीक अहमद ने बरेली जेल में भेजे थे भाई से मिलने
बरेली
बरेली जिला जेल में बंद माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ के गुर्गे फाइक इंक्लेव स्थित कोठी छोड़कर अंडरग्राउंड हो गए हैं। जेल से मिले डाटा के आधार पर एसटीएफ उसके गुर्गों की जानकारी खंगालने में जुटी है। माफिया अतीक अहमद का भाई अशरफ पिछले करीब दो साल से नई जिला जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में बंद है। उसे प्रयागराज की नैनी जेल से यहां स्थानांतरित किया गया था। उससे पहले अतीक अहमद भी इस जेल में बंद रहा था। मगर इस बीच किसी ने उस पर ध्यान नहीं दिया।
पिछले दिनों प्रयागराज में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह अधिवक्ता उमेश पाल और उनके सुरक्षाकर्मी की हत्या कर दी गई। इस केस में अशरफ को भी नामजद किया गया। सामने आया कि बरेली समेत आसपास के जिलों के कई लोग जेल में जाकर अशरफ से मुलाकात करते थे। उसके गुर्गे फाइक इंक्लेव में कोठी किराये पर लेकर रह रहे थे। इनमें अशरफ का साला सद्दाम भी था, जिसने बरेली में पूरा नेटवर्क तैयार किया। यह जानकारी सामने आने के बाद एसटीएफ ने जांच पड़ताल शुरू की तो उसके गुर्गे अंडरग्राउंड हो गए।
लगाए गए थे 13 शूटर
इस खूनी खेल के लिए 13 शूटर शामिल किए गए। छह लोगों को वारदात को अंजाम देना था जबकि सात शूटर बैकअप में रखे गए थे।
कमरा नंबर 36 में प्लानिंग
मुस्लिम बोर्डिंग हाउस में अवैध रूप से रहने वाले सदाकत के कमरा नंबर 36 में बैठक हुई। इस बैठक को अतीक का बेटा असद लीड कर रहा था।
अतीक ने दो गुर्गे बरेली जेल में बंद भाई से मिलने भेजा
मुस्लिम बोर्डिंग हाउस से पकड़े गए सदाकत के बयान, व्हाट्सएप कॉल, चैट और वीडियो कॉल से एसटीएफ को कई सनसनीखेज जानकारी मिली है। सूत्रों की मानें तो अहमदाबाद जेल में बंद अतीक अहमद के इशारे पर ही सारा खेल हुआ। खूनी खेल को अंजाम देने को अतीक ने अपने दो गुर्गों को बरेली जेल में बंद छोटे भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ से मिलने के लिए भेजा। अशरफ ने जेल में मुलाकात के बाद शूटर मुहैया कराने की जिम्मेदारी ली। उसी ने उमेश पाल की हत्या का समय, जगह और शूटर तय किए। अशरफ ने अतीक के दोनों गुर्गों को प्रयागराज भेजा।