सरकारी अस्पतालों में कायाकल्प अभियान में फर्जीवाड़ा, घटिया स्तर के भेजे उपकरण और फर्नीचर
भोपाल
जेपी अस्पताल सहित प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं को अपडेट करने चलाए गए संपूर्ण कायाकल्प अभियान में फर्जीवाड़ा सामने आया है। इसके तहत अस्पतालों को घटिया गुणवत्ता वाले उपकरण और फर्नीचर दिए गए। इसका खुलासा अफसरों के औचक निरीक्षण के बाद हुआ था।
विभाग ने सीएमएचओ को निर्देश जारी किए हैं कि इन उपकरणों और फर्नीचर को वेंडर को वापस भेजें। जांच में पता चला कि अस्पताल प्रबंधन खुद उपकरणों की मरम्मत करा रहा था। इधर मप्र पब्लिक हेल्थ सप्लाई कार्पोरेशन ने सीएमएचओ, सिविल सर्जन से कहा कि स्थानीय स्तर पर मरम्मत नहीं कराएं और न कंपनी से बदले में कोई सामान लिया जाए।
जेपी को दिया गया था 3 लाख सामान
इधर जानकारी के अनुसार अभियान के तहत जेपी अस्पताल को लगभग 3 लाख रुपए का सामान दिया गया था। इसमें अस्पताल बेड, बेड साइड मॉनिटर, गद्दे-चादर, बेड साइड स्टूल, व्हीलचेयर सहित अन्य फर्नीचर, सब स्टैंडर्ड पाए गए।
अस्पतालों के खाते में 66 करोड़ किए थे ट्रांसफर
सरकार ने बीते साल अक्टूबर माह में अस्पतालों के खाते में 66 करोड़ रुपए ट्रासंफर किए थे। इस राशि से अस्पताल प्रबंधन अपनी जरूरत का सामान सीधे वेंडर से खरीद सकते थे। उस समय मुख्यमंत्री ने कहा था कि इस मद से सरकारी अस्पतालों की खस्ताहाल बिल्डिंग खराब उपकरण, फटे पुराने गद्दे चादर, तकिए से लेकर कंडम मशीनें बदली जाएंगी।
यह सामान निकला घटिया
अधिकारियों के औचक निरीक्षण के दौरान प्रदेशभर के अस्पतालों में जो उपकरण और फर्नीचर घटिया गुणवत्ता वाले निकले हैं, उनमें इमरजेंसी कार्ट, स्ट्रेचर, ट्राली समेत अन्य सामान घटिया निकला।
जांच के दौरन कई सामान और उपकरण घटिया स्तर के पाए गए हैं, हमने सभी सीएमएचओर और सिविल सर्जन को निर्देश दिए हैं कि वे अपने स्तर पर सामान की मरम्मत कराएं। वेंडरों को भी बेहतर सामन देने के निर्देश दिए गए हैंं।
डॉ. पंकज जैन, एमडी, मप्र पब्लिक हेल्थ सप्लाई कॉर्पोरेशन