November 27, 2024

इंदौर में प्रशासनिक अधिकारियों पर छाया होली का रंग, घरों से लेकर चौबारों तक होली की धमाल

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इंदौर
इंदौर में कुछ स्थानों पर मंगलवार रात भी होलिका दहन हुआ और इसके साथ ही होली पर्व का उत्साह शुरू हो गया। होलिका दहन के पूर्व महिलाओं ने होलिका की पूजा कर परिवार के सुख और आरोग्य की कामना की। बुधवार को सुबह से ही इंदौर में धुलेंडी पर्व पूरे हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। मंदिरों से लेकर घरों तक और गलियों से लेकर चौबारों तक होली की हुड़दंग के संग मस्ती के रंग छाया रहा। इंदौर के मंदिरों में भगवान को भक्तों ने रंग अर्पित किया। कुछ मंदिरों में रंगपंचमी तक भगवान को रंग लगाया जाएगा तो कहीं धुलेंडी पर रंग अर्पित कर उत्सव को विराम दिया जाएगा। शहर में प्रशासनिक अधिकारियों पर भी होली का रंग छाया रहा। कलेक्टर निवास पर अधिकारियों ने जमकर होली खेली। कलेक्टर इलैया राजा टी का इस दौरान अलग अंदाज नजर आया। उन्होंने अधिकारियों को रंगने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इस दौरान अंशुल खरे, अभय बेडेकर, अजयदेव शर्मा सहित अधिकांश तहसीलदार, एसडीएम व अन्य मौजूद थे। पिछले साल कलेक्टर मनीष सिंह के घर पर होली खेली गई थी। अधिकारियों ने कलेक्टर के निवास के बाद कमिश्नर पवन सिंह के यहां भी जमकर होली खेली।
 
उत्साह से सराबोर शहर

होली पर शहर में इस बार और भी ज्यादा उत्साह है। इस बार अधिकांश स्थानों पर सोमवार रात ही होलिका का दहन हो गया, इसलिए शोक संतृप्त परिवारों में होली का रंग डालने की प्रथा मंगलवार को ही निभाई गई। चूंकि, धुलेंडी पर्व का अवकाश बुधवार को है और शोक की होली एक दिन पहले ही हो चुकी है, इसलिए इस बार धुलेंडी पर्व पर ज्यादा उत्साह है। खजराना गणेश मंदिर में सुबह और शाम भगवान श्रीगणेश को रंग अर्पित किया जाएगा। यह क्रम रंगपंचमी तक जारी रहेगा। पुजारी द्वारा तो भगवान गणेश को रंग अर्पित किया ही जाएगा, भक्त भी अपने आराध्य को रंग अर्पित कर सकेंगे। मंदिर के मुख्य पुजारी अशोक भट्ट के अनुसार, मंदिर में सुबह और शाम होने वाली आरती के दौरान भगवान को रंग अर्पित किए जाएंगे।

भगवान को लगाएंगे टेसू के फूस से बना रंग

छत्रीबाग स्थित श्री लक्ष्मी वेंकटेश मंदिर में भगवान वेंकटेश और देवी लक्ष्मी को टेसू के फूल से बने रंग तथा अरारोट से बना गुलाल लगाया जाएगा। मंदिर के पंकज तोतला के अनुसार, सुबह पुजारी द्वारा भगवान को रंग लगाया जाएगा। इसके बाद उन्हें ठंडाई का भोग लगेगा। दोपहर में राजभोग चढ़ाया जाएगा। दोपहर में मंदिर का शुद्धीकरण कर भगवान के विग्रह को स्नान कराकर नए वस्त्र और आभूषण पहनाए जाएंगे। इसके साथ ही मंदिर में जारी फाग उत्सव संपन्न हो जाएगा।

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