PAK में इमरान खान के समर्थकों का हंगामा; लाहौर में प्रदर्शन-रैलियों पर रोक, 7 दिन तक धारा 144 लागू
इस्लामाबाद
पाकिस्तान के लाहौर में सभी प्रकार के विरोध प्रदर्शनों और धरने पर 7 दिनों के लिए रोक लगा दी गई है। पंजाब के गृह विभाग ने सुरक्षा हालात का हवाला देते हुए यह ऐक्शन लिया है। गृह मंत्रालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया कि प्रतिबंध सभी प्रकार की सभाओं, रैलियों, जुलूसों और विरोध-प्रदर्शनों पर होगा। इसमें कहा गया कि लाहौर में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। यह रोक दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 (उपद्रव या आशंकित खतरे के तत्काल मामलों में अस्थायी आदेश) के तहत लगाई गई है, जो तत्काल प्रभाव से लागू होगी। दरअसल, पीटीआई ने आज लाहौर में रैली की घोषणा की थी। साथ ही औरत मार्च भी निकाले जाने की बात हुई थी। इसी सिलसिले में धारा 144 का उल्लंघन करने के आरोप में पीटीआई के कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, पीटीआई के सैकड़ों कार्यकर्ताओं को धारा 144 का उल्लंघन करने के लिए माल रोड पर पुलिस हिरासत में ले लिया गया। PTI चीफ इमरान खान के आवास जमान पार्क की ओर जाने वाले सभी रास्तों को बंद कर दिया है।
PTI समर्थकों पर वाटर कैनन का इस्तेमाल
इतना ही नहीं, इमरान के समर्थकों को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल हुआ। बताया जा रहा है कि पुलिस अधिकारियों ने उनकी कारों के शीशे भी तोड़ दिए। पार्टी के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से भी इसकी फुटेज शेयर की गई। डॉन ने पीटीआई नेता हम्माद अजहर के हवाले से बताया था कि इमरान बम रोधी व बुलेटप्रूफ गाड़ी में सवार होकर रैली में हिस्सा लेंगे। यह कदम पूर्व प्रधानमंत्री को जान का खतरा होने की बात को रेखांकित करता है। 'जियो न्यूज' की खबर में बताया गया कि रैली इमरान के लाहौर के जमान पार्क स्थित आवास से शुरू होकर दाता दरबार में खत्म होगी। हालांकि, पुलिस पर पीटीआई की इस योजना को विफल करने का आरोप लग रहा है।
पंजाब के आगामी प्रांतीय चुनावों को लेकर हंगामा
PTI ने पंजाब के आगामी प्रांतीय चुनावों के लिए औपचारिक रूप से चुनाव अभियान शुरू करने के वास्ते लाहौर में 'ऐतिहासिक' रैली के आयोजन की घोषणा की थी। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि पंजाब प्रांत में 30 अप्रैल को मतदान कराया जाएगा। यह घोषणा, पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा की प्रांतीय असेंबली के चुनाव 90 दिनों की निर्धारित अवधि के भीतर कराने के शीर्ष अदालत के फैसले के 2 दिन बाद की गई थी। पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा की प्रांतीय असेंबली को क्रमश: 14 जनवरी और 18 जनवरी को भंग कर दिया गया था। पाकिस्तानी कानून के तहत किसी प्रांतीय असेंबली के चुनाव उसे भंग किए जाने के 90 दिनों के भीतर कराए जाने चाहिए।