मार्च में फरवरी की तुलना में अधिक मरीज आ रहे सामने
भोपाल
कोविड संक्रमण की घातक मार का सामना करने के बाद अब पोस्ट कोविड नित नए रूप में अपना असर दिखा रहा है। बार-बार निमोनिया और बुखार की शिकायत के साथ मरीज अस्पतालों में पहुुंच रहे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक कोविड संक्रमण के बाद फेफड़ों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के कारण इस तरह की समस्या बढ़ने की आशंका है।
ऐसे मामलों में स्वाइन फ्लू की तरह का पैरा इंफ्लूएंजा वायरस सामने आ रहा है। कुछ विशेषज्ञों के पास इस तरह के रोजाना 5-7 मरीज पहुंच रहे हैं। ऐसे कुछ मामलों में चंद दिनों में ही मरीज गंभीर हालत में भी पहुंच रहे हैं और उन्हें आॅक्सीजन सपोर्ट की जरूरत भी पड़ रही है।
फिर बढ़ने लगे कोरोना के मरीज
मार्च में कोविड के नए मामलों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। राजधानी भोपाल में आज मरीज कोरोना पॉजीटिव मिला है, वहीं एक दिन पहले 3 मरीज सामने आए थे। प्रदेशभर में 234 सैंपलों की जांच की गई, जिसमें आठ मरीज पॉजीटिव मिले हैं। इस समय भोपाल में 7 कोरोना पॉजीटिव मरीज होम आइसोलेशन में हैं। सबसे ज्यादा मरीज इंदौर में मिल रहे हैं।
ठीक होने में भी लग रहा ज्यादा समय
हमीदिया अस्पताल के चिकित्सक डॉ. आईडी चौरसिया ने बताया, मौसम बदलने पर वायरल की समस्या आम है। इस बार समस्या थोड़ी ज्यादा देखने को मिल रही है। ऐसे मरीजों की संख्या 20% तक इस बार बढ़ी है। कई मरीजों को पूरी तरह से ठीक होने में एक से दो सप्ताह तक का वक्त लग रहा है।
जेपी-हमीदिया में मरीजों की भीड़ लग
चिकित्सकों का कहना है कि मौसम में आए बदलाव के बीच वायरल का अटैक बढ़ा है। अस्पतालों की ओपीडी में सर्दी, खांसी, बुखार के मरीजों की भीड़ लगी है। इनमें से कई को गले की भी समस्या है। वायरल की चपेट में सभी उम्रवर्ग के लोग आ रहे है, लेकिन सबसे ज्यादा प्रभावित 15 साल तक की उम्र के बच्चे हैं।
होली से बदल रहा मौसम
धुलेंडी से मौसम लगातार बदलता रहा। सुबह हल्की ठंडी के बाद दिन में धूप खिली और शाम को चली तेज हवा के साथ हुई बूंदाबांदी ने ठंडक बढ़ा दी। मौसम की इस बेरूखी का असर कई लोगों की सेहत पर नजर आया। जेपी और हमीदिया अस्पताल में पिछले कई दिन में वायरल इंफेक्शन के मरीजों की संख्या 20 प्रतिशत तक बढ़ी है।