September 28, 2024

जब तमिलनाडु CM ने यूपी-बिहार के 5000 मजदूरों को दी थी दावत, गीत-संगीत संग लजीज व्यंजन का था इंतजाम

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नई दिल्ली

बात साल 2010 की है। एम करुणानिधि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री थे। वह द्रविड़ आंदोलन की उपज और सामाजिक न्याय के लिए समर्पित बड़े नेता थे। उन्होंने चेन्नई के ओमानदुरार में एक नए सचिवालय का निर्माण करवाया था, जिसमें उत्तर भारत के करीब 5000 मजदूरों ने करीब दो साल तक लगातार खून-पसीना बहाया था। चूंकि यह करुणानिधि का ड्रीम प्रोजेक्ट था, इसलिए वह अक्सर निर्माणस्थल पर जाकर कार्य प्रगति का जायजा लेते थे। जब सचिवालय का निर्माण कार्य पूर्ण होने के करीब था, तब करुणानिधि ने उत्तर भारतीय मजदूरों की मेहनत और जज्बे की सराहना करते हुए उनके सम्मान में एक महाभोज दिया था।  रिपोर्ट में कहा गया है कि करुणानिधि की बेटी कनिमोझी, जो डीएमके की सांसद हैं, ने बताया कि परियोजना पूरी होने से पहले उनके मुख्यमंत्री पिता ने मजदूरों के योगदान की सराहना करते हुए उनके सम्मान में चर्चित चेन्नई समागम जैसे आयोजन करने का निर्देश दिया था। सीएम के निर्देश पर अधिकारियों ने तब "बड़ा खाना" (महाभोज) का आयोजन किया था।

इस महाभोज में सभी हिन्दी भाषी मजदूरों को आमंत्रित किया गया था जो अधिकांश यूपी-बिहार से थे। कनिमोझी ने याद करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने तब हिन्दीभाषी मजदूरों के लिए चेन्नई के माउंट रोड पर स्थित मशहूर बिहारी होटल को मटन बिरयानी सप्लाई करने का काम सौंपा था। कनिमोझी के मुताबिक, पोंगल के तुरंत बाद आयोजित इस दावत में स्वादिष्ट व्यंजन के अलावा उत्तर भारतीय गायकों और लोकगायकों की भी व्यवस्था की गई थी। इसके अलावा हिन्दी फिल्मी संगीत का भी इंतजाम किया गया था, ताकि मजदूर पूरा आनंद उठा सकें।

आयोजन की देखरेख कर रहे उस समय के सबसे वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों में से एक एस रामासुंदरम कहते हैं कि हालांकि उस दिन उन्हें एक अप्रत्याशित समस्या का सामना करना पड़ा। जब मुख्यमंत्री के आने का इंतजार बढ़ गया था, तब मजदूर भयभीत होकर चुपचाप बैठे गए थे। इस मायूसी को तोड़ने के लिए तब हिन्दी फिल्मी गीत बजाए गए। बावजूद इसके मजदूर चुपचाप बैठे रहे। बतौर रामासुंदरम, जब एक पत्रकार ने अमिताभ बच्चन की फिल्म 'डॉन' का गाना 'खइके पान बनास वाला' बजाने की सलाह दी और जब वह फिल्मी गीत बजा तो सभी मजदूर नाचने लगे थे। इसे देखते ही वहां मौजूद पूरी भीड़ नाचने लगी थी।

इस नजारे देखकर करुणानिधि और उनके डिप्टी सीएम बेटे एम के स्टालिन बहुत खुश हुए थे। करुणानिधि ने तब मजदूरों को संबोधित भी किया था, जिसका हिन्दी अनुवाद वरिष्ठ आईएएस अधिकारी पंकज बंसल ने किया था। अपने संबोधन में करुणानिधि ने मजदूरों के त्याग, समर्पण और मेहनत की काफी तारीफ की थी।

 

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