September 30, 2024

बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा चपेट में ले रहा हांगकांग फ्लू, ये हैं लक्षण

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लखनऊ
हांगकांग फ्लू बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा चपेट में ले रहा है। अस्पतालों की ओपीडी में रोजाना 50 से अधिक इनफ्लूएंजा के संदिग्ध मरीज पहुंच रहे हैं। इनमें 15 साल तक के बच्चे व 60 साल के ऊपर के बुजुर्ग अधिक हैं। हालांकि इनमें कोई गंभीर समस्या नहीं है। इनमें नये वायरस एच 3 एन 2 का खतरा बढ़ गया है। डॉक्टर सर्दी-जुकाम, गले में खराश बुखार और लंबे समय तक सूखी खांसी के लक्षणों वाले मरीजों पर खासी सर्तकता बरत रहे हैं।

पीजीआई, केजीएमयू, लोहिया संस्थान, बलरामपुर, सिविल और लोक बंधु समेत दूसरे अस्पतालों में सर्दी, बुखार व खांसी के करीब 500 मरीज रोजाना आ रहे हैं। इनमें एच-3, एन-2 वायरस से मिलते जुलते लक्षण वाले मरीज करीब 50 के आसपास ही हैं। सबसे ज्यादा मरीज खांसी को लेकर परेशान हैं। एक से दो सप्ताह बाद भी इनकी खांसी दूर नहीं हो रही है। केजीएमयू मेडिसिन विभाग के डॉ. केके सावलानी ने बताया कि एच-3, एन-2 का सबसे ज्यादा खतरा गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों के अलावा डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, अस्थमा व स्टेराइड दवाओं का सेवन करने वाले मरीजों को है। हालांकि95 से 98 फीसदी संक्रमित ठीक हो रहे हैं। लोकबंधु अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि ओपीडी में सर्दी, बुखार व खांसी के 20 फीसदी मरीज बढ़ गए हैं। वहीं बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ. जीपी गुप्ता बताते हैं कि ऐसे लक्षणों वाले 15 से 20 मरीज रोज आ रहे हैं।

ये हैं लक्षण

सर्दी-जुकाम, गले में खराश, बुखार और बदनदर्द। ये लक्षण कोविड और एच-3, एन-2 वायरस से मिलते जुलते हैं। काफी लोग इन लक्षणों के साथ अस्पतालों की ओपीडी में आ रहे हैं। घबरा रहे हैं। लोग कोविड की जांच भी करा हैं। रिपोर्ट नेगेटिव आ रही है। ऐसे में लोगों की चिंता बढ़ गई है।

वायरस का बदल स्वरूप ठीक होने में ज्यादा समय

पीजीआई की बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. पियाली भट्टाचार्य ने बताया कि यह वायरस अपना स्वरूप बदलता रहता है। इस बार एच3एन2 में देखने का मिल रहा है। इसमें मरीजों को ठीक होने में ज्यादा वक्त लग रहा है। ओपीडी में रोजाना 40 के करीब बच्चे आते जिनमें 70 फीसदी संदिग्ध लक्षणों वाले आ रहे हंै। 15 साल तक के बच्चों व बजुर्गों में इसका असर ज्यादा देखने को मिल रहा है।

बच्चों को सिर्फ सिरप दें

डॉ. पियाली भट्टाचार्य का कहना है कि बच्चों को कफ सिरप ही दें। दो साल तक के बच्चों पर घरेलु नुस्खे न अजमाएं। बड़े बच्चों को हल्दी वाला दूध, सौंफ व मिश्री खिला सकते हैं। जिनके घर में नवजात बच्चे हैं उनके सदस्यों को इनफ्लुएंजा की वैक्सीन लगवा लेनी चाहिए।

 

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