Bihar के 12 गांवों में प्याज़ की खेती नहीं करते हैं ग्रामीण, सदियों से चली आ रही परंपरा
बिहार
बिहार में खेती के क्षेत्र में किसान नये-नये प्रयोग कर मुनाफा कमा रहे हैं। वहीं नालंदा जिले के 12 गांव ऐसे हैं, जहां प्याज़ की खेती करने से ग्रामीण परहेज़ करते हैं। रैतर पंचायत (गिरियक प्रखंड) में ग्रामीण सदियों से अनोखी परम्परा निभाते चले आ रहे हैं। रैतर पंचायत में 15 गांव और टोले हैं, जिसमें से 12 गांवों के लोग प्याज़ की खेती नहीं करते हैं। ग्रामीणों की मानें तो कुछ लोगों ने विज्ञान के ज़माने में अंधविश्वास कहते हुए प्याज़ की खेती करने की कोशिश की तो उनके पूरे परिवार के ऊपर मुश्किलों का पहाड़ टूट गया। इसके बाद से ही ग्रामीणों ने दोबारा प्याज की खेती करने की हिम्मत ही नहीं जुटा पाई।
ग्रामीणों ने प्याज की खेती नहीं करने के पीछे की वजह बताते हुए कहा कि, सदियों पहले गांव में एक संत रहते थे। बाबा बनौत शुद्ध शाकाहारी थे और प्याज और लहसुन नहीं खाते थे, उन्हीं की वजह से गांव के लोगों ने प्याज़ की खेती छोड़ दी थी। ग्रामीण प्याज और लहसुन का इस्तेमाल करते थे, लेकिन प्याज़ की खेती नहीं करते थे। प्याज़ की खेती नहीं करने वाले गांवों में रैतर, विशुनपुर,धरमपुर, दुर्गानगर, कालीबिगहा,शंकरपुर गांव, जीवलाल बिगहा, बेलदरिया और भोजपुर गांव शामिल है।