November 26, 2024

अमेरिकी बैंक संकट का भारत में असर, FPI निकालने लगे पैसे

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नई दिल्ली
 अमेरिकी बैंकिंग संकट का असर अब भारतीय शेयर बाजार पर साफ दिखने लगा है। मार्च महीने के दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के निवेश में जो तेजी देखी जा रही थी, अब उसका ट्रेंड पलटने लगा है। इस कारण अब तक मार्च महीने के दौरान हुए एफपीआई निवेश के आंकड़े में कमी आई है।
इस सप्ताह हुई इतनी निकासी

एनएसडीएल (NSDL) के आंकड़ों के अनुसार, 17 मार्च को कारोबार समाप्त होने के बाद इस महीने इक्विटीज में एफपीआई का अब तक का निवेश 11,495 करोड़ रुपए है। इससे पहले 10 मार्च को समाप्त हुए सप्ताह के बाद मार्च महीने के दौरान एफपीआई के निवेश का आंकड़ा 13,450 करोड़ रुपए था। इसका मतलब हुआ कि इस सप्ताह यानी 13 मार्च से 17 मार्च के दौरान एफपीआई ने भारतीय बाजार से 7,953.68 करोड़ रुपए की निकासी की, जिसके कारण उनके शुद्ध निवेश में 2,045 करोड़ रुपए की कमी आई।
फैल चुका है बैंकिंग जगत का संकट

अमेरिका में सबसे पहले प्राधिकरणों से सिलिकॉन वैली बैंक को बंद किया। उसके बाद सिग्नेचर बैंक भी डूब गया। बैंकिंग जगत का संकट यहीं पर नहीं थमा। एक अन्य अमेरिकी बैंक फर्स्ट रिपब्लिक बैंक भी डूबने के कगार पर है, जिसे बचाने के भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। दूसरी ओर यूरोप के सबसे पुराने बैंकों में से एक क्रेडिट सुईस भी चुनौतियों का सामना कर रहा है।
महीने की शुरुआत में यह बड़ी डील

बैंकिंग व वित्तीय जगत के मौजूदा संकट के कारण पिछले सप्ताह भारतीय बाजार में बिकवाली देखी गई। सप्ताह के दौरान बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी दोनों सूचकांक करीब 2-2 फीसदी गिर गए। भारतीय शेयर बाजारों में हुई इस बिकवाली में एफपीआई का बड़ा योगदान रहा। इससे पहले तक एफपीआई इस महीने भारतीय बाजार में ठीक-ठाक पैसे लगा रहे थे। मार्च महीने की शुरुआत में ही अडानी समूह की चार कंपनियों को ब्लॉक डील के माध्यम से 15,446 करोड़ रुपए का एफपीआई निवेश मिला था।

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