अब पंचायत सचिव-तहसीलदार आज से हड़ताल पर
भोपाल.
प्रदेश के सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदार सोमवार से तीन दिन के सामूहिक अवकाश पर जाने वाले हैं। इससे प्रदेश में कार्यपालिक दंडाधिकारी और राज्य शासन की प्राथमिकता वाले कामों पर असर पड़ना तय है। उधर महिला और बाल विकास विभाग के चार हजार परियोजना अधिकारियों और पर्यवेक्षकों के सामूहिक अवकाश के मामले में विभाग ने कलेक्टरों को आंदोलनरत अफसरों, कर्मचारियों के विरुद्ध ब्रेक इन सर्विस कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। इसके बाद कई जिलों में पर्यवेक्षकों और परियोजना अधिकारियों पर पुराने मामलों को आधार बनाकर कार्यवाही भी प्रस्तावित की गई है जिसका विरोध संयुक्त मोर्चा ने किया है।
महिला और बाल विकास विभाग ने सभी कलेक्टरों को दिए निर्देश में कहा है कि शासकीय कर्मचारियों द्वारा आयोजित हड़ताल, धरना तथा प्रदर्शन और सामूहिक अवकाश के मामले में अनुपस्थिति अनुशासनहीनता के दायरे में आती है। इसलिए इसको लेकर वर्ष 1991 और वर्ष 2006 में जारी किए गए निर्देशों के अनुरूप संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध एक्शन लिया जाए। इसमें कहा गया है कि हड़ताल, आंदोलन की स्थिति में अनुपस्थिति अवधि का वेतन देय नहीं होगा और न ही अवकाश स्वीकृत किया जाएगा। इस अवधि को ब्रेक इन सर्विस माना जाएगा। विभाग की इस चेतावनी के बाद भी परियोजना अधिकारियों और पर्यवेक्षकों ने अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश जारी रखने का फैसला लिया है।
कल से 14 दिन के सामूहिक अवकाश पर जाएंगे पंचायत सचिव
उधर प्रदेश के पंचायत सचिवों ने भी अपनी मांगों को लेकर 14 दिन के सामूहिक अवकाश का ऐलान कर दिया है। मध्यप्रदेश पंचायत सचिव संगठन के अनुसार सोमवार 20 मार्च से सभी 23 हजार पंचायतों में सामूहिक तालाबंदी सामूहिकअवकाश के जरिये की जाएगी। संगठन की ओर से कहा गया है कि राजधानी के छोला दशहरा मैदान में पंचायत कर्मियों की सभा के लिए बनाए गए टेंट को प्रशासन ने उखाड़ा है। इससे पंचायत सचिवों में आक्रोश है। साथ ही प्रदेश की 40 चौकियों में हजारों पंचायत सचिवों को रोका गया है। पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग पंचायत सचिवों का महीनों से वेतन नहीं दे पाया है।