September 29, 2024

उद्धव ठाकरे पर शिंदे गुट के मंत्री दीपक केसरकर ने जमकर साधा निशाना

0

मुंबई

महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री और शिंदे गुट के नेता दीपक केसरकर ने पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे को लेकर बड़ा दावा किया है। केसरकर ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने जून 2021 में दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले थे। तब उन्होंने पीएम के सामने माना कि एनडीए से अलग होकर एमवीए बनाने में उनकी गलती हुई है। उन्होंने इस मुलाकात में पीएम से कहा था कि एनसीपी और कांग्रेस के साथ हाथ मिलाकर मुझसे गलती हुई है। मुंबई जाकर मैं इस भूल को सुधारूंगा। हालांकि, मुंबई वापस आने के बाद उद्धव ठाकरे ने ऐसा नहीं किया। केसरकर ने फिर से कहा कि एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन तोड़ो हम सब फिर एक हो जाएंगे। हमने आपको फंसाया नहीं, आपने ही हमसे कहा कि निकल जाओ। अब जनता के सामने झूठी बात कहते हैं। कम से कम जनता के सामने तो गलत मत बोलो।

पीएम के पास उद्धव ने मानी थी गलती: दावा
पीएम मोदी के सामने आपने ही स्वीकार किया था कि एनसीपी और कांग्रेस के साथ जाना मेरी गलती थी। हिंदुत्व की विचारधारा छोड़कर मुझसे गलती हुई है। महाराष्ट्र जाकर इस गलती को दुरुस्त करूंगा। पीएम से वादा करके भी आपने तोड़ दिया। ऐसे में राज्य की जनता को यह समझना चाहिए कि किसने किसको फंसाया है। हम ऐसा कर सके हैं यह भगवान की कृपा है। उद्धव ठाकरे इसका फायदा नहीं ले पाए। उन्हें हमने नहीं एनसीपी और कांग्रेस ने फंसाया है लेकिन आपने अपना दोष दूसरे के सर क्यों मढ़ रहे हैं। महाराष्ट्र राज्य के लिए हमने जो किया अगर उसको आपने समर्थन दिया होता तो आज तस्वीर अलग होती।

दो साल पहले हुई थी मुलाकात
केसरकर के मुताबिक उद्धव ठाकरे और पीएम मोदी की यह मुलाकात साल 2021 के नवंबर महीने में हुई थी। उस दौरान उद्धव ठाकरे के साथ अजित पवार और अशोक चव्हाण भी मौजूद थे। इस मुलाकात में उद्धव ठाकरे ने पीएम से जीएसटी कलेक्शन, मराठा आरक्षण और मेट्रो कारशेड को लेकर चर्चा की थी। यह मीटिंग कोरोना काल के दौरान हुई थी। इसके बाद पीएम मोदी और उद्धव ठाकरे की बंद दरवाजे में तकरीबन 30 मिनट तक बातचीत हुई थी। उस दौरान यह मीटिंग चर्चा का विषय बनी थी।

कोंकण को लेकर भी उद्धव ठाकरे पर हमला
कोंकण के विकास के मुद्दे को लेकर भी दीपक केसरकर ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा है। उद्धव ठाकरे ढाई साल तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे। काजू उत्पाद नीति की वजह से कोंकण का कायापलट होने वाला था। इसके लिए एक समिति भी बनाई गई थी। मैं भी उस समिति में शामिल था। लेकिन दुर्भाग्य से उस समिति ने कुछ नहीं किया। सिर्फ यह कहा जाता रहा कि केसरकर समिति है। हालांकि, अब हमारे प्रयास से कोंकण को 1,300 करोड़ रुपये की निधि दी गई। जिसमें से 200 करोड़ काजू महामंडल को दिया गया। कोंकण की जनता कभी मांगती नहीं है। कोंकण के लोगों की वजह से बालसाहेब की शिवसेना बड़ी हुई थी। यहां की जनता ने बालसाहेब को बहुत प्यार और सम्मान दिया था।

आदित्य पर निशाना
दीपक केसरकर ने कहा कि जिस समय अजित पवार वित्त मंत्री बने तब सिंधुदुर्ग जिले से साढ़े चार सौ करोड़ रुपए की निधि वापस ले ली गई। तब उद्धव ठाकरे कभी एक शब्द भी नहीं बोले। ढाई सौ करोड़ रुपए जिला नियोजन के लिए मंजूर हुआ था। उसे घटाकर डेढ़ सौ करोड़ कर दिया गया। इस पर भी उद्धव ठाकरे ने कभी कुछ नहीं बोला। जब अजित पवार इन बातों का जवाब दे रहे थे तब आदित्य ठाकरे हंस रहे थे। आदित्य ठाकरे को कोंकण और कोंकण की जनता से कुछ लेनादेना नहीं है। यह बात जनता के सामने आनी चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *