पुलिस अफसरों और कर्मियों के पेट्रोल भत्तें के प्रस्ताव को वित्त विभाग ने नहीं दी मंजूरी
भोपाल
प्रदेश के थानों में पदस्थ पुलिस अफसरों और कर्मियों को पेट्रोल भत्ता दिए जाने की कवायद एक बार फिर तेज होने जा रही है। पुलिस मुख्यालय ने इस संबंध में फिर से एक प्रस्ताव तैयार किया है। यह प्रस्ताव मंजूर हुआ तो उपनिरीक्षकों से लेकर आरक्षक तक को हर माह पेट्रोल भत्ता दिया जा सकेगा।
फिर तैयार हुआ प्रस्ताव
बताया जाता है कि अब फिर से पुलिस मुख्यालय ने पेट्रोल भत्ता दिए जाने को लेकर प्रस्ताव तैयार कर रहा है। इस प्रस्ताव को तैयार करने के साथ ही पेट्रोल भत्ता दिए जाने की कवायद तेज हो गई है। मुख्यालय जल्द ही इसे गृह विभाग को भेजेगा। जहां से वित्त विभाग को फिर से यह प्रस्ताव जाएगा। हालांकि उपनिरीक्षको को अभी वाहन भत्ता मिलता है। यह भत्ता 230 रुपए प्रतिमाह है।
48 साल पहले शुरू हुआ था साइकिल भत्ता
प्रदेश पुलिस में आने-जाने के लिए आरक्षकों को साइकिल भत्ता दिए जाने की व्यवस्था लगभग 48 साल पहले शुरू हुई थी। वर्ष 1977 से आरक्षकों को साइकिल भत्ता दिया जाने लगा था। इसके बाद धीरे-धीरे इस भत्ते की दरे बढ़ती गई और आठ रुपए प्रतिमाह भत्ता दिए जाता था। इसके बाद जब साइकिल का चलन पूरी तरह से बंद हो गया तो पुलिस मुख्यालय ने इस भत्ते को बंद कर दिया। जब यह भत्ता बंद हुआ था तक आठ रुपए प्रतिमाह भत्ता दिया जाता था।
तो मिलेंगे डेढ़ हजार रुपए
सूत्रों की मानी जाए तो साइकिल भत्ता बंद किए जाने के बाद पुलिस मुख्यालय ने अपने महकमे को पेट्रोल भत्ता दिए जाने का प्रस्ताव तैयार किया था। इस प्रस्ताव के तहत थानों में पदस्थ उपनिरीक्षक से लेकर आरक्षक तक को 1500 रुपए प्रतिमाह का भत्ता दिए जाना तय हुआ था। यह प्रस्ताव गृह विभाग को भेजा गया था, जहां से वित्त विभाग को भेजा गया। बाद में वित्त विभाग ने इस प्रस्ताव को मंजूरी नहीं देते हुए वापस कर दिया।