‘सुंदर पिचाई, मत बनो कसाई’, 1400 स्टाफ ने छंटनी पर गूगल CEO के खिलाफ खोला मोर्चा
नई दिल्ली
Google की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट इंक के लगभग 1,400 कर्मचारियों ने छंटनी प्रक्रिया के विरोध में कंपनी के सीईओ सुंदर पिचाई को एक खुला खत लिखा है। खत में कर्मचारियों ने 12,000 से अधिक कर्मियों को कंपनी से बाहर निकाले जाने का विरोध किया है और layoff process के दौरान छंटनीग्रस्त कर्मचारियों के साथ बेहतर मानवीय व्यवहार का अनुरोध किया है।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुंदर पिचाई के नाम लिखे गए खुले पत्र में कंपनी कर्मचारियों ने कई मांगें रखी हैं। खत में कहा गया है कि छंटनी प्रक्रिया तक नई भर्तियां रोकी जाएं। इसके अलावा अनिवार्य रूप से नौकरी से हटाने से पहले सभी कर्मियों से स्वेच्छा से नौकरी छोड़ने या काम के समय घटाने के बारे में पूछा जाय। कर्मचारियों ने अपनी मांगों में यह भी कहा है कि नई भर्तियों में निकाले गए कर्मियों को प्राथमिकता दी जाय। इनके अलावा यूक्रेन और रूस जैसी मनावीय त्रासदियों से गुजर रहे देशों के कर्मचारियों को संरक्षण दिया जाय।
अल्फाबेट इंक के कर्मियों ने मानवीय संवेदनाओं के प्रति कंपनी प्रबंधन को जागरूक करते हुए कहा है कि किसी कर्मचारी के मातृत्व अवकाश या माता-पिता के निधन की अवस्था में उसे शोक अवकाश लेने की आजादी दें और उस काल खंड का पूर्ण भुगतान सुनिश्चित कराएं।
इस पत्र में कहा गया है, "छंटनी प्रक्रिया के दौरान कहीं भी श्रमिकों की आवाज पर पर्याप्त रूप से विचार नहीं किया गया है और हम जानते हैं कि श्रमिकों के रूप में हम अकेले की तुलना में अधिक मजबूत हैं।" चिट्ठी में यह भी कहा गया है कि अल्फाबेट के अपने कार्यबल को कम करने के फैसले के प्रभाव पूरी दुनिया पर पड़ने वाले हैं।
बता दें कि गूगल अच्छा वर्क कल्चर, पे पैकेज, कर्मचारियों की उचित देखभाल और सुविधाओं के लिए जाना जाता रहा है लेकिन हाल के दिनों में वहां बड़े पैमाने पर लोगों की छंटनी हुई है। जनवरी में ही अल्फाबेट ने ऐलान किया था कि वह 6 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी करेगा।