यूपी में संस्कृत स्कूल छात्रों को मेधा के हिसाब से मिलेगी स्कॉलरशिप, ये है प्रस्ताव
प्रयागराज
उत्तर प्रदेश में संचालित राजकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त एवं स्ववित्तपोषित संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों और महाविद्यालयों में पढ़ाई कर रहे सभी छात्र-छात्राओं को 1.31 अरब के बजट से छात्रवृत्ति देने की तैयारी है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव की ओर से शासन को कक्षा छह से लेकर स्नातकोत्तर स्तर तक के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने के संबंध में प्रस्ताव भेजा गया है। सूत्रों के अनुसार छात्रवृत्ति के लिए शासन की ओर से प्रस्ताव मांगा गया था इसलिए जल्द ही इसे मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
खास बात है कि छात्रवृत्ति संस्कृत पाठी विद्यार्थियों की मेधा के अनुरूप दी जाएगी। उदाहरण के तौर पर प्रथमा (कक्षा 6 से 8 तक) में 33 से 45 प्रतिशत अंक पाने वाले विद्यार्थियों को प्रतिमाह 300 रुपये, 45 से 60 प्रतिशत पाने वालों को 325 रुपये जबकि 60 फीसदी या अधिक पाने वालों को 350 रुपये छात्रवृत्ति दी जाएगी। वहीं शास्त्री (स्नातक) व आचार्य (स्नातकोत्तर) में 60 प्रतिशत से अधिक अंक पाने वालों को ही छात्रवृत्ति देने का प्रस्ताव है। छात्रावास में रहने वाले प्रथमा से उत्तर मध्यमा तक के छात्रों को 1800 रुपये प्रतिमाह जबकि शास्त्री, आचार्य व शिक्षाशास्त्री के विद्यार्थियों को तीन हजार रुपये प्रतिमाह मिलेंगे।
अभी 50 से 120 रुपये प्रतिमाह देते हैं छात्रवृत्ति
वर्तमान में संस्कृत पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को मात्र 50 से 120 रुपये प्रतिमाह छात्रवृत्ति मिलती है। शासन की मंशा के अनुरूप छात्र-छात्राओं को संस्कृत अध्ययन के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से छात्रवृत्ति में वृद्धि का प्रस्ताव है। पहले प्रदेशभर में पूर्व मध्यमा के 125, उत्तर मध्यमा के 90, शास्त्रत्त्ी के 48 व आचार्य के मात्र 25 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दी जाती थी। अब सभी छात्र-छात्राओं को वजीफा मिलेगा।