‘शराब पीने वाले परिवारों में शादी न करें बेटियां’, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बेटों को भी दी ये सलाह
कानपुर
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि शराब जिंदगी को बर्बाद कर देती है। बेटियां उन परिवारों में शादी करने से मना करें, जहां कोई भी शख्स शराब पीता हो। इसी तरह दहेज देना भी बंद करें। बेटियां आत्मनिर्भर हैं, वह पिता को समझाएं और दहेज मांगने वाले परिवारों में शादी न करें। इसके लिए बेटों को भी जागरूक होना पड़ेगा। क्या वह बिकने के लिए पढ़ाई कर रहे हैं। सुना है, डीएम और एसएसपी बन गए हैं या फिर जितनी अधिक डिग्रियां हैं, उतना अधिक दहेज मिलेगा। सीएसजेएमयू के 37वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने जल संरक्षण और ऊर्जा संरक्षण करने की शपथ भी दिलाई।
चिंता जताते हुए उन्होंने कहा, सरकारी योजना से जल संकट का समाधान संभव नहीं। हर व्यक्ति को जागरूक होना होगा। जिनको मेडल मिला है, उन्हें बधाई लेकिन जो छात्र रह गए हैं, वह भी अपने को टॉपर समझे। क्योंकि अभी समाज के सामने उन्हें टॉपर बनना है। इसलिए जीवन में कुछ गलत न करें। शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए विजन प्लान तैयार करना जरूरी है। इसलिए सभी विवि व महाविद्यालयों को दस साल का विजन प्लान तैयार करने का निर्देश दिया है। क्योंकि राज्यपाल, मंत्री व कुलपति आते-जाते हैं, प्लान रहेगा तो योजनाएं चलती रहेंगी।
कुलपति साहब, पिछड़ रहे लड़कों पर कराएं स्टडी
राज्यपाल ने कहा कि 80 फीसदी पदक बेटियों ने प्राप्त किए हैं। ये 20 फीसदी वाले क्या कर रहे हैं। कुलपति साहब, इन पर स्टडी कराएं। क्या यह पान खाते रहते हैं या हाईलेवल की सोच रखते हैं या पिता के पास बहुत पैसा है, जिससे इन्हें भविष्य की चिंता नहीं है। अन्यथा लड़कों को सूची में तलाशना भी मुश्किल हो जाएगा।
90 साल पहले मेरे पिता ने नहीं दिया था दहेज
राज्यपाल ने कहा कि 90 साल पहले मेरे पिता ने न तो किसी को दहेज दिया और न ही किसी का बाल विवाह किया। सभी को पढ़ाया। सरदार पटेल ने भी इसके खिलाफ अभियान चलाया। वह लड़के की शादी पर कहते थे कि बैल कितने में बेचा। बेटियों के साथ बेटे भी दहेज लेने व देने की प्रथा को खत्म करें। परिवार में बहू दिखाई की रस्म होती है, जिसमें बहू की सूरत नहीं बल्कि दहेज देखने लोग आते हैं।