पार्षदों की मन्नत पूरी, 5 लाख तक टेंडर होंगे आफलाइन
भोपाल
पार्षद बनने के बाद भी जनप्रतिनिधियों के चेहरे लंबे समय से मुरझाए हुए थे, जो बैठक के दौरान तब खिले उठे जब निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने 5 लाख तक के टेंडर आफलाइन करने की बात कही। इस बात को सुनते ही सभागार में जम-जम कर तालियां बजने लगी। जिस देखकर ऐसा लगा कि पार्षदों की मन्नत पूरी हो गई। दरअसल निगम प्रशासन के आला अधिकारियों ने 1 लाख तक के कामों को भी आनलाइन टेंडर प्रक्रिया में ले रखा था। इसके चलते जो टेंडर डालता था वही ठेकेदार होता था। यानी की पार्षदों की पसंद का ठेकेदार नहीं हो सकता था। इसलिए पार्षद आफलाइन टेंडर की मांग कर रहे थे।
चूंकि एक अप्रैल से यह सिस्टम को लागू कर दिया जाएगा। लिहाजा आने वाले दिनों में वार्डों में होने वाले काम पार्षदों के चेहते ठेकेदार करेंगे। उधर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने बताया कि पार्षदों की मंश थी। उसे भर पूरा किया है। कई बार टेंडर प्रक्रिया में काम में देरी होती है। इस व्यवस्था से जल्दी काम होंगे।
इसलिए किया था आनलाइन
नगर निगम में एक लाख से ऊपर के आनलाइन किए जाते थे। इससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगता था। शहर का कोई भी ठेकेदार किसी भी वार्ड में टेंडर डाल देता था। इसमें मिलीभगत की संभावना काम होती थी, लेकिन आफलाइन टेंडर में अधिकांश ठेकेदार अब पार्षदों के चहेते ही होंगे।
6 महीने से खाली जेब, अब मिलेगी निधि
नगर निगम के चुनाव के बाद चुनकर आए जनप्रतिनिधियों के चेहरे बीते 6 महीने से मुरझाए हुए थे। पार्षदों को पार्षद निधि नहीं मिल पाई थी। लेकिन जैसे ही नए वित्तीय वर्ष का बजट आया और 5 लाख तक के टेंडर आॅफलाइन करने की बात हुई, वैसे ही पार्षदों के मुरझाए चेहरे खिले उठे।
संपत्तिकर जमा नहीं करने पर निगम ने 36 दुकानें की सील
नगर निगम द्वारा राजस्व वसूलने के लिए बकायादारों की संपत्तियों में कुर्की और तालाबंदी की जा रही है। बुधवार को नगर निगम के राजस्व और अतिक्रमण अमले ने एमपी नगर और कैटेगाराइज्ड मार्केट में कार्रवाई की। इस दौरान प्रेस काम्प्लेक्स स्थित गौरव त्रिवेदी के मकान पर 1.18 करोड़ रुपए का संपत्तिकर बकाया होने पर इसमें संचालित हो रहे एक दर्जन से अधिक कार्यालयों में ताले लगा दिए गए। इन्होंने बीते 10 से 12 साल से संपत्तिकर समेत अन्य करों का भुगतान नहीं किया था। कैटेग्राइज्ड मार्केट में दुकानदारों के द्वारा बकाया नहीं जमा करने पर 36 दुकानें सील कर दी। जोन 12 के जोनल अधिकारी मुकेश केमिया ने बताया कि एमपी नगर जोन वन में मध्यभारत काम्प्लेक्स है। यहां किराए पर एक दर्जन निजी कार्यालय संचालित किए जा रहे हैं। संपत्ति मालिक इनसे किराए की वसूली करते हैं, लेकिन निगम के करों का भुगतान नहीं कर रहे थे।