November 27, 2024

खनिज माफिया सक्रिय, इंस्पेक्टर कर रहे खानापूर्ति

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राजधानी में जगह जगह बगैर रायल्टी हो रहा खनिज परिवहन अधिकारी मौन

भोपाल
राजधानी भोपाल में अवैध कालोनियों का निर्माण लगातार हो रहा है। इन कालोनियों में कालोनी नाईजर कोपरा बोल्डर सहित खनिज सामग्री का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसका ठेका खनिज माफिया राजस्व की चोरी कर  मोटा लाभ कमा रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार खनिज विभाग मार्च क्लोजिंग में व्यस्त हैं। कहीं भी निरीक्षण या खदानों से परिवहन होने वाले कोपरा से भरे वाहनों की चैकिंग नहीं हो रही है। निरीक्षण करने के लिए खनिज विभाग के इंस्पेक्टर  राजधानी की किसी भी सड़क पर निकल जाएं उन्हें कोपरा परिवहन करते डंपर नहीं मिलते, अगर कोई मिल भी जाता है तो (लेनदेन) या किसी प्रभावशाली के दखल से छूट जाता है। की खदानों पर  बगैर रायल्टी कोपरा सहित खनिज बगैर रायल्टी परिवहन करने की गारंटी तक ले रहे हैं कि यदि गाड़ी कहीं पकड़ ली गई तो मैनेज कर लेंगे।

सहायक खनिज अधिकारी ने कि थी कार्रवाई
मस्तीपुरा में पुनित जैन की खदान पर की बार खनिज विभाग के इंस्पेक्टरों ने जांच की गई थी लेकिन खदान के अलावा आसपास की जमीन पर भी बगैर अनुमति खनन कर कोपरा सप्लाई किया जा रहा है।

निरीक्षक करते हैं मीनारें चेक, फिर क्यों होती है सीमा से बाहर खनन
खनिज विभाग द्वारा परिमिशन से पहले राजस्व अधिकारी, खनिज विभाग एवं फारेस्ट विभाग सीमांकन कर खनन परमिशन दी जाती है। फिर भी खनिज माफिया दूसरों की भूमि पर खनन करते हैं।

 मस्तीपुर के पहाड़ किए जा रहे हैं खत्म
किस उद्देश्य से खनिज विभाग पहाड़ को खत्म करने की साज़िश हो रही है यह बात किसी भी ग्रामीण के समझ में नहीं आ रहा है। ग्रामीण इन खदानों की परमीशन नहीं देने की शिकायत कर चुके हैं।  सूत्रों की माने तो पहाड़ खत्म करने के लिए खनिज विभाग के पास अभी भी कई आवेदन खनिज विभाग के पास है जिनपर अमल हो गया तो निश्चित है कि पहाड़ की जगह खाई या तालाब बन जाए।

हर माह बंटता है कमीशन
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खनिज माफिया हर माह मोटी राशि का भूगतान करते हैं। यह भूगतान निरीक्षण दल की सूचना देने के लिए दिए दिया जाता है। जिसके लिए खनिज विभाग के हर कर्मचारी के मोबाइल में नंबर सेव हैं। जिस क्षेत्र में जाएं उस क्षेत्र के माफियाओं के पास जानकारी पहले से ही पहुंच जाती हैं।

निरीक्षण कर देते हैं मीनार लगाने की सलाह
जानकार सूत्रों की माने तो निरीक्षण दल गत दिवस खदानों पर पहुंचे थे जहां खदान पर मीनारें गायब थी। साथ ही सीमांकन भी गायब था लेकिन इंस्पेक्टर द्वारा खदान धारकों को मीनारें लगाने एवं सीमांकन पत्थर रखने के निर्देश दिए और (मुलाकात) कर सरकारी डीजल जलाकर वापस हो लिए।

7 साल से एक ही स्थान पर पदस्थ हैं खनिज इंस्पेक्टर सृष्टि माथूर

खनिज विभाग भोपाल में इंस्पेक्टर सृष्टि माथूर पिछले 7 साल से अहम भूमिका निभा रही हैं। भोपाल बैरसिया से उन्हें अवैध उत्खनन की सूचना देने के बावजूद कार्रवाई नहीं की जाती। सूत्रों का कहना है कि वैध हो या अवैध खनन सभी को संरक्षण इन महोदया का मिलता है। सूत्र का कहना है कि मैंने कई बार फोन लगाकर सूचना देनी चाही लेकिन मोबाइल फोन रिसीव नहीं हुआ। जब उनसे पूछा तो जानकारी मिली कि उनके मोबाइल में नंबर सेव होने पर ही उनसे संपर्क या मैसेज दिया जा सकता है। सूत्र का कहना है कि जो कार्रवाई पहले इंस्पेक्टर प्रभा शर्मा करती थी वैसी कार्रवाई अब नहीं हो रही है।

 

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