November 27, 2024

राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म, वायनाड सीट पर जल्द By-election, 8 साल नहीं लड़ पाएंगे चुनाव

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नईदिल्ली

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होते ही अब केरल में खाली हुई वायनाड लोकसभा सीट पर उपचुनाव को लेकर मंथन शुरू हो गया है. चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक वायनाड लोकसभा क्षेत्र में उपचुनाव का कार्यक्रम अप्रैल में घोषित हो सकता है.

EC ने वायनाड में उपचुनाव को लेकर मंथन भी शुरू कर दिया है. बता दें कि सूरत कोर्ट से आपराधिक मानहानि के मामले में दो साल कैद की सजा सुनाए जाने के साथ ही राहुल गांधी सांसदी से अयोग्य हो गए हैं.

 संसद सदस्यता खत्म कर दी गई। राहुल गांधी अब 8 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। आपको बता दें कि सूरत की स्थानीय कोर्ट ने 4 साल पुराने आपराधिक मानहानि के मामले में 2 साल की सजा सुनाई थी, साथ ही राहुल गांधी पर 15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया था। हालांकि सूरत की स्थानीय कोर्ट ने राहुल गांधी की सजा को 30 दिन के लिए स्थगित कर दिया है।

राहुल गांधी की सांसदी जाने की अधिसूचना लोकसभा स्पीकर जारी कर चुके हैं. हालांकि, कोर्ट ने सजा सुनाने के साथ ही राहुल गांधी को राहत की अपील दाखिल करने के लिए एक महीने की मोहलत दी है.

राहुल को सत्र न्यायालय में अपील दाखिल करनी है. वहां से राहत ना मिलने पर वो हाईकोर्ट में भी अपील दाखिल कर सकते हैं. अगर वहां भी राहत नहीं मिली तो वो सुप्रीम कोर्ट में SLP दाखिल कर सकते हैं.

राहुल की संसद सदस्यता शुक्रवार को लोकसभा सचिवालय ने रद्द की है. यह फैसला कोर्ट के निर्णय के बाद लोकसभा सचिवालय की ओर से जनप्रतिनिधि कानून की धारा 8 के तहत लिया गया है.

राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म हो गई है. हालांकि, राहुल को अपनी सदस्यता को बचाए रखने के सारे रास्ते बंद नहीं हुए हैं. वो अपनी राहत के लिए हाईकोर्ट में चुनौती दे सकते हैं, जहां अगर सूरत सेशन कोर्ट के फैसले पर स्टे लग जाता है तो सदस्यता बच सकती है.

हाईकोर्ट अगर स्टे नहीं देता है तो फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना होगा. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट से अगर स्टे मिल जाता है तो भी उनकी सदस्यता बच सकती है. लेकिन अगर ऊपरी अदालत से उन्हें राहत नहीं मिलती तो राहुल गांधी 8 साल तक कोई चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.

किस बयान को लेकर राहुल पर हुआ एक्शन?

दरअसल, राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 को चुनावी रैली में कहा था कि नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? राहुल के इस बयान को लेकर बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ धारा 499, 500 के तहत आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था.

अपनी शिकायत में बीजेपी विधायक ने आरोप लगाया था कि राहुल ने 2019 में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पूरे मोदी समुदाय को कथित रूप से यह कहकर बदनाम किया कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? पूर्णेश भूपेंद्र पटेल सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री थे. वे दिसंबर में सूरत से फिर विधायक चुने गए हैं.

राहुल गांधी के लिए आ सकती है एक और मुश्किल

दलित बच्ची की वर्ष 2021 में कथित तौर पर बलात्कार कर हत्या कर दी गई थी। राहुल ने सोशल मीडिया मंच ट्विटर पर लड़की के माता-पिता के साथ एक तस्वीर साझा की थी। मुख्य न्यायाधीश सतीशचंद्र शर्मा एवं न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीआर) को नोटिस जारी किया और याचिका पर जवाबी हलफनामा दायर करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया।  इसके बाद उच्च न्यायालय ने मामले को 27 जुलाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।

इससे पहले, एनसीपीसीआर के वकील ने कहा कि उन्हें एक औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया गया है और उच्च न्यायालय से याचिका पर बाल अधिकार निकाय को नोटिस जारी करने का आग्रह किया ताकि वह हलफनामा दायर कर सके। एनसीपीसीआर ने पीठ से कहा कि गांधी के कथित ट्वीट को हटाने के 'ट्विटर' के दावे के बावजूद बलात्कार के मामले में किसी पीड़िता की पहचान उजागर करने के अपराध का मामला बनता है।

सामाजिक कार्यकर्ता मकरंद सुरेश म्हाडलेकर ने 2021 में उच्च न्यायालय का रुख कर दावा किया था कि पीड़िता के माता-पिता के साथ तस्वीर साझा कर गांधी ने किशोर न्याय (बच्चों की देखरेख व संरक्षण) अधिनियम 2015 और यौन अपराध से बच्चों के संरक्षण अधिनियम,2012 का उल्लंघन किया है। अधिनियम के तहत यौन अपराध की नाबालिग पीड़िता की पहचान उजागर करना वर्जित है। 'ट्विटर' ने इसके जवाब में कहा था याचिका का अब कोई औचित्य नहीं बनता क्योंकि ट्वीट को भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया है और अब यह भारत में कहीं उपलब्ध नहीं है।

'ट्विटर' के वकील ने बताया कि शुरू में गांधी के खाते को सोशल मीडिया मंच द्वारा निलंबित कर दिया गया था, लेकिन बाद में इसे बहाल कर दिया गया। गौरतलब है कि नौ वर्षीय दलित बच्ची की एक अगस्त 2021 को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। बच्ची के माता-पिता का आरोप है कि उसका बलात्कार कर हत्या कर दी और दक्षिण पश्चिम दिल्ली के ओल्ड नंगल गांव के श्मशान घाट में कर्मकांड कराने वाले व्यक्ति ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया।

 

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