September 25, 2024

संयुक्त राष्ट्र प्रतिनिधि ने भारत के नमामि गंगे मिशन को ‘आशा की किरण’ बताया

0

संयुक्त राष्ट्र/नई दिल्ली
 संयुक्त राष्ट्र के एक प्रतिनिधि ने यहां आयोजित जल सम्मेलन में कहा कि अपने जल क्षेत्र में सुधार के लिए भारत की कई महत्वाकांक्षाएं हैं और देश की सबसे लंबी नदी के पुनरुद्धार के लिए ‘नमामि गंगे’ मिशन ‘आशा की किरण’ और प्रेरक कहानी है। संयुक्त राष्ट्र 2023 जल सम्मेलन का आयोजन 22 से 24 मार्च के बीच वैश्विक निकाय के मुख्यालय में हो रहा है। ताजिकिस्तान और नीदरलैंड इस सम्मेलन के सह-आयोजक हैं।

अंतरराष्ट्रीय जल मामलों के नीदरलैंड के विशेष दूत हेंक ओविंक ने कहा कि गंगा नदी प्रतिष्ठित और महत्वपूर्ण नदियों में से एक है एवं यह ‘अहम संसाधनों से निपटने के तरीके के महत्व को समझने में हमारी मदद करती है।’ वह ‘‘नमामि गंग – गंगा नदी और उसकी पारिस्थितिकी के संरक्षण और पुनरुद्धार की दिशा में एकीकृत और समग्र दृष्टिकोण’’ विषयक एक सत्र को संबोधित कर रहे थे।

ओविंक ने कहा कि गंगा नदी ‘हमें यह भी दिखाती है कि हमारे समाज के संदर्भ में पानी कितना संवेदनशील हो सकता है। और, अगर हम उस नदी और उस संसाधन में निवेश करते हैं, तो हम टिके रह सकते हैं।’ जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी इस सत्र को संबोधित किया जिसका आयोजन संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने किया था।

ओविंक ने कहा कि स्वच्छ गंगा के लिए मिशन – नमामि गंगे एक प्रेरक कहानी है कि ऐसे समय में, जब विश्व जल संकट की चुनौतियों का सामना कर रहा है, कैसे रास्ता दिखाया जाए। उन्होंने कहा, ‘स्वच्छ गंगा मिशन, भारतीय मिशन और जिस तरह से यह पानी से जुड़ा है, आशा की एक किरण है।’

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed